किसी भी देश की आर्थिक स्थिरता और आम लोगों की प्रगति का एक बड़ा पैमाना रियल एस्टेट (Real Estate) सेक्टर होता है। भारत का रियल एस्टेट सेक्टर बीते एक दशक में बड़े बदलाव और झंझावातों के बावजूद तेजी से प्रगति कर रहा है। यह बात रिजर्व बैंक की रिपोर्ट से सही साबित होती है। आरबीआई की ताजा रिपोर्ट के अनुसार लोग तेजी से होम लोन की ओर रुख कर रहे हैं। देश के कुल कर्ज में होम लोन की हिस्सेदारी बढ़कर 14 प्रतिशत से भी अधिक हो गई है।
11 साल में 8 से 14 प्रतिशत पहुंचा होम लोन
कुल ऋण में होम लोन की हिस्सेदारी पिछले 11 सालों में बढ़कर 2023 में 14.2 प्रतिशत हो गई, जबकि मार्च 2012 में यह आंकड़ा 8.6 प्रतिशत था। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की हाल में जारी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) में यह जानकारी दी गई। रिपोर्ट में कहा गया कि बैंकिंग क्षेत्र द्वारा रियल एस्टेट क्षेत्र में दिया गया कुल ऋण 16.5 प्रतिशत रहा। इस तरह के कर्ज की सुरक्षित प्रकृति को देखते हुए इनमें कर्ज लेकर धनराशि न चुकाने की दर दो प्रतिशत से भी कम थी।
मकानों की बिक्री में 21 प्रतिशत की तेजी
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि आवास क्षेत्र में अच्छी वृद्धि हो रही है और बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च, 2023) में घरों की बिक्री में 21.6 प्रतिशत वृद्धि हुई। इस तेजी में नई परियोजनायों का भी उल्लेखनीय योगदान रहा। रिपोर्ट में कहा गया कि कुल ऋण में आवास ऋण की हिस्सेदारी मार्च, 2012 से बढ़कर 11 साल बाद मार्च, 2023 में 14.2 प्रतिशत हो गई है। इस दौरान कुल ऋण में वाणिज्यिक रियल एस्टेट (सीआरई) की हिस्सेदारी 2.0-2.9 प्रतिशत के बीच रही।
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