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Hindi News पैसा बिज़नेस घटती महंगाई की खुशियों पर ग्रोथ रेट फेर सकती है पानी, जानिए कितनी रहेगी मार्च तिमाही की वृद्धि दर

घटती महंगाई की खुशियों पर ग्रोथ रेट फेर सकती है पानी, जानिए कितनी रहेगी मार्च तिमाही की वृद्धि दर

भारत की अर्थव्यवस्था इस समय वैश्विक कारणों के चलते महंगाई और गिरती ग्रोथ का सामना कर रही है। यह सरकार के लिए दोहरी चुनौती बनकर सामने आ रहा है

GDP Growth Rate- India TV Paisa Image Source : FILE GDP Growth Rate

घटती महंगाई ने बीते कुछ दिनों से आम लोगों के साथ ही सरकार और आरबीआई को राहत दी है। लेकिन मार्च तिमाही में ​तरक्की के जो अनुमान आ रहे हैं, उसे देखकर सभी का सिर चकरा रहा है। रेटिंग एजेंसी इक्रा की रिपोर्ट के अनुसार मार्च तिमाही में देश की आर्थिक तरक्की की रफ्तार 5 फीसदी से भी नीचे रह सकती है। 

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इक्रा ने वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान जताते हुए कहा है कि सेवा क्षेत्र के बढ़िया प्रदर्शन से इसे मजबूती मिलने की उम्मीद है। इक्रा रेटिंग्स ने जनवरी-मार्च 2023 की अवधि के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान जारी किया है। इसके पहले अक्टूबर-दिसंबर 2022 की तिमाही में वृद्धि दर 4.4 प्रतिशत रही थी। 

31 मई को जारी होंगे आंकड़े 

राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) मार्च तिमाही के साथ समूचे वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी आंकड़े 31 मई को जारी करेगा। इक्रा ने कहा कि मार्च तिमाही में सेवा क्षेत्र का सकल मूल्य-वर्द्धन (जीवीए) मामूली बढ़त के साथ करीब 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि दिसंबर तिमाही में यह 6.2 प्रतिशत रहा था। चौथी तिमाही में सेवा क्षेत्र के 14 में से नौ संकेतकों में बढ़त होने की संभावना है। 

आर्थिक गतिविधि असमान

रेटिंग एजेंसी की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 की अंतिम तिमाही में भी आर्थिक गतिविधि असमान बनी रही। वाणिज्य उत्पादों में आई गिरावट के बीच सेवाओं का निर्यात अच्छा और सेवाओं की घरेलू मांग भी बढ़िया रही है। इक्रा रेटिंग्स ने कहा कि रकबा बढ़ने, बुवाई की जल्द शुरुआत और उर्वरकों की उपलब्धता सुधरने से रबी फसलों की पैदावार भी अच्छी रही है। हालांकि बेमौसम बारिश ने कुछ फसलों के उत्पादन पर नकारात्मक असर डाला है।

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