बजट में वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगी रेल किराए में छूट! जानिए क्या हो सकता है ऐलान
अब रेल बजट आने से ठीक पहले वरिष्ठ नागरिकों से जुड़े संघठन एक बार फिर अपनी मांग को दोहराने लगे हैं।
साल 2023-24 के बजट के ऐलान से पहले वरिष्ठ नागरिकों की रेल रियायत बहाल करने को लेकर एक बार मांग शुरू हो गई है। दरअसल कोविड महामारी के दौरान खराब वित्तीय हालत को देखते हुए रेलवे ने तीन श्रेणियों को छोड़कर सभी के किराए में रियायत बंद कर दी थी, इनमें वरिष्ठ नागरिक भी हैं। महामारी से पहले 60 साल से ज्यादा उम्र के नागरिकों को 50 फीसदी की छूट मिलती थी। अब कोविड-19 का खतरा कम होने और देश में अन्य सभी तरह की गतिविधियों के पूरी तरह सामान्य होने के बाद भी वरिष्ठ नागरिकों को ये राहत नहीं बहाल की गई। हालांकि, इसकी संभावना बहुत कम ही है कि बजट में फिर रियायत देने का ऐलान हो जाए।
फिर रियायत देने की मांग
अब रेल बजट आने से ठीक पहले वरिष्ठ नागरिकों से जुड़े संघठन एक बार फिर अपनी मांग को दोहराने लगे हैं। वरिष्ठ नागरिकों के अनुसार कराए में रियायत न मिलने पर भी ट्रेन के जनरल डिब्बे में सफर करना मुश्किल है। रेलवे की ओर से केवल स्पेशल कैटगरी वाले लोगों को किराए में छूट की सुविधा दोबारा शुरू की गई। जिसमें चार श्रेणी के दिव्यांग, 11 कैटगरी के मरीज और छात्र शामिल हैं। लेकिन बुजुर्गों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। लगातार बढ़ती महंगाई में जब हमें ट्रेन के टिकट में छूट मिलती थी तो वो काफी राहत भरा था।
रेलवे की कोई योजना नहीं
सूत्रों के अनुसार रेल मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से कियाए में राहत देने की बजाए फ्रेट कॉरिडोर, हाई- स्पीड ट्रेन और ट्रेन आधुनिकीकरण जैसी लंबी अवधि की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के वित्तपोषण को प्राथमिकता देने को कहा है। हालांकि केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में एक लिखित जवाब में बताया था कि महामारी के बाद करीब सात करोड़ वरिष्ठ नागरिक दो वर्षों से बिना किसी छूट के ट्रेनों से यात्रा कर रहे हैं। वरिष्ठ नागरिकों को किराए में छूट देने से सरकार के खजाने पर भारी बोझ पड़ता है। इस वजह से सरकार की वरिष्ठ नागरिकों को रेल टिकट में छूट देने की कोई योजना नहीं है। केंद्र सरकार अधिकतर निवेश रेलवे के आधुनिकीकरण में ही कर रहा है।