ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन पर सामान बेचने वाले सेलर को अगले महीने की 7 तारीख से ज्यादा पैसा चुकान होगा। कंपनी ने इसकी जानकारी दी है। कंपनी ने कहा कि वह महंगाई और ब्याज दरों के साथ ही उद्योग में प्रचलित शुल्क संरचनाओं के अनुरूप अपने विक्रेता शुल्क को संशोधित कर रही है। कंपनी सात अप्रैल से अपने मार्केटप्लेस 'अमेजन डॉट इन' पर विक्रेताओं के लिए अपनी शुल्क संरचना को संशोधित कर रही है। इसमें रेफरल शुल्क, समापन शुल्क और वजन प्रबंधन शुल्क के अलावा अन्य सहायक शुल्क शामिल हैं। कंपनी ने एक बयान में कहा कि वैज्ञानिक आपूर्ति, चिमनी, लैपटॉप बैग तथा टायर जैसी श्रेणियों में रेफरल शुल्क को बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा 1,000 रुपये से अधिक की औसत बिक्री मूल्य के लिए समापन शुल्क में तीन रुपये की बढ़ोतरी की गई है। परिवहन लागत में महंगाई के अनुरूप वजन प्रबंधन शुल्क में दो रुपये की बढ़ोतरी की गई है।
यहां दी गई राहत
वहीं, परिधान, चादर, कुशन कवर और बर्तन जैसी श्रेणियों में रेफरल शुल्क कम किया जाएगा। कंपनी ने कहा कि ये संशोधन मुद्रास्फीति, ब्याज दरों, परिचालन लागत जैसे विभिन्न व्यापक आर्थिक कारकों को ध्यान में रखकर किए गए हैं। ये उद्योग में प्रचलित शुल्क रुझानों के अनुरूप हैं। नाम न छापने की शर्त पर एक सेलर ने कहा, 'मार्केटप्लेसेज यह जानते हैं कि इससे प्रोडक्ट्स की कीमतों पर सीधा असर पड़ेगा। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से खरीददारी करने वाले ग्राहकों को अधिक कीमत चुकानी होगी। बता दें कि भारत समेत दुनियाभर में अमेजन एक बड़ा ई-कॉमर्स प्लेटफार्म है।
प्रवक्ता ने क्या कहा
अमेजन इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा कि हम मानते हैं कि विक्रेता शुल्क और प्रोत्साहन से एक मजबूत बाजार को बनाए रखने में मदद मिलेगी, जो देश में छोटे और मझोले व्यवसायों को डिजिटल बनाने और उन्हें मजबूत राष्ट्रीय ब्रांडों के रूप में विकसित होने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि ये बदलाव 'अमेजन डॉट इन' को भारत में बिक्री के लिए सबसे पसंदीदा बाजारों में से एक बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
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