निवेशकों से अवैध रूप से जमा किए गए धन की वसूली के लिए पूंजी बाजार नियामक सेबी आगामी 27 जनवरी 2025 को पांच कंपनियों की संपत्त की नीलामी करने जा रहा है। इस नीलामी में जिन संपत्तियों की नीलामी की जाएगी, उनमें पश्चिम बंगाल और ओडिशा में स्थित फ्लैट, आवासीय संपत्ति और फ्लैट, भूमि पार्सल, प्लॉट और भवन संरचनाओं वाली भूमि शामिल हैं। पीटीआई की खबर के मुताबिक, संपत्तियों की नीलामी 28. 66 करोड़ रुपये के आरक्षित मूल्य पर की जाएगी। यह संपत्तियां पश्चिम बंगाल और ओडिशा में स्थित हैं।
इन कंपनियों की संपत्तियां होंगी नीलाम
खबर के मुताबिक, जिन कंपनियों की संपत्तियां नीलाम होंगी, उनके नाम हैं- बिशाल ग्रुप और सुमंगल इंडस्ट्रीज रवि किरण रियल्टी इंडिया, मंगलम एग्रो प्रोडक्ट्स और पुरुषत्तम इन्फोटेक इंडस्ट्रीज और अन्य। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की तरफ से इस मामले में 19 दिसंबर को एक नोटिस जारी किया था। सेबी ने पांच फर्मों और उनके प्रमोटरों/निदेशकों के खिलाफ वसूली कार्यवाही में संपत्तियों की बिक्री के लिए बोलियां आमंत्रित कीं।
नीलामी सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक होगी
नियामक ने संपत्तियों की बिक्री में सहायता के लिए एड्रोइट टेक्निकल सर्विसेज को नियुक्त किया है। जिन 28 संपत्तियों को नीलामी के लिए रखा गया है, उनमें से 17 बिशाल ग्रुप से जुड़ी हैं, 6 मंगलम एग्रो प्रोडक्ट्स से, 3 सुमंगल इंडस्ट्रीज से और 1-1 पुरुषत्तम इन्फोटेक इंडस्ट्रीज और रवि किरण रियल्टी इंडिया से जुड़ी हैं। सेबी ने कहा कि नीलामी 27 जनवरी, 2025 को सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक ऑनलाइन आयोजित की जाएगी।
स्वतंत्र जांच कर लेने की अपील
नियामक ने बोली लगाने वालों से कहा है कि वे बोली लगाने से पहले देनदारियों, मुकदमों, नीलामी में रखी गई संपत्तियों के टाइटल और दावों के बारे में स्वतंत्र जांच कर लें। इन संस्थाओं ने बाजार के नियमों का पालन किए बिना निवेशकों से पैसा जुटाया था। सेबी के पिछले आदेशों के मुताबिक, मंगलम एग्रो ने 2011-2012 के दौरान लगभग 4,820 निवेशकों को सुरक्षित गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) के अवैध जारीकरण से 11 करोड़ रुपये जुटाए थे, जबकि सुमंगल ने अवैध सामूहिक निवेश योजनाओं (सीआईएस) के माध्यम से निवेशकों से 85 करोड़ रुपये एकत्र किए थे।
किसने कितनी जुटाई थी रकम
इसके अलावा, बिशाल डिस्टिलर्स ने 4 करोड़ रुपये, बिशाल एग्री-बायो इंडस्ट्रीज और बिशाल हॉर्टिकल्चर एंड एनिमल प्रोजेक्ट्स ने क्रमशः 3 करोड़ रुपये और 2.84 करोड़ रुपये जुटाए थे। फर्मों द्वारा ये फंड 2006-2014 के बीच जुटाए गए थे। इसके अलावा, बिशाल अबासन इंडिया ने 2011-12 के दौरान 2.75 करोड़ रुपये जुटाए, इसके अलावा 2012-14 में एनसीडी जारी करके 89 करोड़ रुपये जुटाए। इसके अलावा, रवि किरण ने 1,176 व्यक्तियों को आरपीएस जारी करके फंड जुटाए।
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