Yes Bank के पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) राणा कपूर पर गलत तरीके से एटी-1 बॉन्ड की बिक्री करने पर दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने बुधवार को राणा पर यह जुर्माना लगाया। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अपने आदेश में कहा कि उन्हें 45 दिन के भीतर जुर्माना भरने का निर्देश दिया गया है।
यह मामला बैंक के एटी-1 बॉन्ड को उसके अधिकारियों द्वारा खुदरा निवेशकों को गलत तरीके से बेचने से जुड़ा है। यह आरोप लगाया गया था कि बैंक अधिकारियों ने निवेशकों को एटी-1 (एडिशनल टियर -1) बॉन्ड बेचते समय इसमें शामिल जोखिम के बारे में नहीं बताया था। एटी-1 बॉन्ड की बिक्री 2016 में शुरू हुई और 2019 तक जारी रही।
बाजार नियामक ने अपने 87 पृष्ठ के आदेश में कहा कि कपूर एटी-1 बॉन्ड की द्वितीयक बिक्री से संबंधित पूरी गतिविधियों की देखरेख कर रहे थे और बिक्री बढ़ाने के लिए अधिकारियों पर दबाव बना रहे थे। यस बैंक के निदेशक मंडल का 2020 में पुनर्गठन किया गया और बैंक में नयी पूंजी डाली गई थी। बैंक ने दिसंबर, 2013, दिसंबर 2016 और अक्टूबर 2017 में ऋणपत्र की प्रकृति के बॉन्ड जारी किए थे।
बैंक का कहना है कि नकदी संकट से जूझ रहे बैंक की पुनरुत्थान योजना के हिस्से के तौर पर 2016 और 2017 में जारी किये गये एटी-1 बॉन्ड को उनके मूल्य के अनुरूप समायोजित कर लिया गया है।
सेबी ने इससे पहले अपने एक आदेश में कहा था कि यस बैंक और कुछ अधिकारियों ने ‘भोलेभाले’ ग्राहकों को एटी-1 बॉन्ड बेचने के लिए ‘गोलमोल भटकाने’ वाली योजना बनाई। सेबी ने कहा कि एटी-1 बॉन्ड की बिक्री के दौरान व्यक्तिगत निवेशकों को इनकी खरीद से जुड़े जोखिमों के बारे में नहीं बताया गया।
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