नई दिल्ली। भारतीय पूंजी बाजार नियाकम सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने गुरुवार को कहा कि नए जमाने की प्रौद्योगिकी कंपनियां (स्टार्टप) तेजी से बढ़ रही हैं और बाजार तक पहुंच बना रही हैं, जो पूंजी बाजार के लिए एक प्रमुख चुनौती है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा एकसमान ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक, प्रशासन) मूल्यांकन ढांचा न होने के चलते ईएसजी निवेश का बढ़ता परिदृश्य भी पूंजी बाजार के लिए एक बड़ी चुनौती है।
बाजार नियामक प्रस्तावित सामाजिक शेयर बाजार के लिए विस्तृत दिशानिर्देशों को अधिसूचित करने की प्रक्रिया में है, जो सामाजिक उद्यमों और स्वैच्छिक संगठनों को सूचीबद्ध करने के लिए एक मंच मुहैया कराएगा, ताकि वे पूंजी जुटा सकें। त्यागी ने ये बात सेबी-एनआईएसएम अनुसंधान सम्मेलन में कही। चालू वित्त वर्ष में नए जमाने की तकनीकी कंपनियों ने अब तक आईपीओ के जरिये लगभग 43,283 करोड़ रुपये जुटाए हैं। त्यागी ने कहा, इन कंपनियों का उचित मूल्यांकन इन दिनों हितधारकों के बीच गहन बहस का विषय है।
उन्होंने कहा कि पूंजी बाजार तक पहुंचने के समय आमतौर पर ये कंपनियां घाटे में चल रही होती हैं, क्योंकि वे शुरुआती दौर में मुनाफे की जगह वृद्धि को अधिक तरजीह देती हैं। सेबी प्रमुख ने कहा, अतिरिक्त मानकों का खुलासा करने से निवेशकों को एनएटीसी में निवेश के फैसले लेने में मदद मिलेगी।
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