बिग बाजार के नए मालिक के नाम पर जल्द मुहर, फ्यूचर खरीदने की दौड़ में रिलायंस समेत ये 3 कंपनियां
फ्यूचर एंटरप्राइजेज द्वारा दी गई एक सूचना के अनुसार, समाधान पेशेवर को गारंटी वाले ऋणदाताओं से कुल 7,014.83 करोड़ रुपये के दावे प्राप्त हुए हैं। इसमें से 6,952.42 करोड़ रुपये के दावे मंजूर किए गए हैं।
बिग बाजार के नए मालिक के नाम पर जल्द मुहर लग सकती है। दरअसल, रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) सहित तीन कंपनियों को फ्यूचर एंटरप्राइजेज लि.(एफईएल) के ‘संभावित’ खरीदार के रूप में चुना गया है। एफईएल अभी कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) में है। फ्यूचर एंटरप्राइजेज के समाधान पेशेवर ने तीन संभाव्य समाधान आवेदकों (पीआरए) की शुरुआती सूची को अंतिम रूप दे दिया है। कंपनी ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में यह जानकारी दी है। इस सूची में आरआरवीएल के अलावा इस्पात कंपनी जिंदल (इंडिया) और पॉलिएस्टर विस्कोस और मिश्रित कपड़े बनाने वाली कंपनी जीबीटीएल भी शामिल हैं। इन चुनी गई कंपनियों को अपनी समाधान योजना 24 अगस्त, 2023 तक सौंपनी होगी। कंपनी के परिचालन ऋणदाताओं की याचिका पर राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने इस साल मार्च में एफईएल के लिए कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू की थी। आरआरवीएल फ्यूचर समूह की एक अन्य प्रमुख कंपनी फ्यूचर रिटेल के संभावित खरीदारों में भी शामिल है। फ्यूचर रिटेल भी कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया के तहत है।
रिलायंस खरीदने वाली थी
एफईएल खुदरा, थोक, लॉजिस्टिक और भंडारगृह क्षेत्रों में काम करने वाली समूह की उन 19 कंपनियों का हिस्सा है, जिन्हें अगस्त, 2020 में घोषित 24,713 करोड़ रुपये के सौदे के तहत रिलायंस रिटेल को स्थानांतरित किया जाना था। सौदे के अनुसार, सभी कंपनियों का एफईएल में विलय किया जाना था और फिर मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज की खुदरा इकाई में इसे स्थानांतरित किया जाना था। पिछले साल अप्रैल में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने यह सौदा रद्द कर दिया था। उसके बाद एफईएल ने अपने कई गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर पर ब्याज भुगतान में चूक की है।
7000 करोड़ के दांवे मिले
फ्यूचर एंटरप्राइजेज द्वारा दी गई एक सूचना के अनुसार, समाधान पेशेवर को गारंटी वाले ऋणदाताओं से कुल 7,014.83 करोड़ रुपये के दावे प्राप्त हुए हैं। इसमें से 6,952.42 करोड़ रुपये के दावे मंजूर किए गए हैं। इसी तरह इसे बिना गारंटी कर्ज देने वालों से 8,805.09 करोड़ रुपये के दावे प्राप्त हुए हैं जिनमें से 5,313.27 रुपये के दावे स्वीकार कर लिए गए हैं। समाधान पेशेवर को परिचालन के लिए कर्ज देने वालों से 172 करोड़ रुपये के दावे मिले हैं। इसके अलावा सांविधिक बकाया के 14.75 करोड़ रुपये के दावे मिले हैं। समाधान पेशेवर को एफईएल के कर्मचारियों से भी कुछ दावे मिले हैं।
यह भी पढ़ें: मोदी सरकार के नाम एक और बड़ी उपलब्धि, देश के इतने करोड़ लोग गरीबी के चंगुल से बाहर निकले