भारत में FMCG (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) उत्पादों की बिक्री में शहरी बाजारों से ग्रामीण क्षेत्र के बाजार अव्वल बन गए हैं। एफएमसीजी उत्पादों में पैकेज्ड फूड, घरेलू और व्यक्तिगत देखभाल उत्पाद आदि शामिल हैं। रिपोर्ट की मानें तो ग्रामीण भारत में उपभोक्ता वस्तुओं (एफएमसीजी) जैसे साबुन और शीतल पेय के खरीदार शहरी क्षेत्रों के मुकाबले तेजी से बढ़े हैं और भारत का ग्रामीण क्षेत्र फिर से इन उत्पादों की खरीद के मामले में आगे निकल आया है। मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि इसका असर एफएमसीजी कंपनियों के स्टॉक पर देखने को मिलेगा। अच्छी कंपनियों की स्टॉक में तेजी आ सकती है।
भारत में रिवाइवल की उम्मीद बढ़ी
कंसल्टिंग फर्म कांतार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 की तिमाही में उपभोक्ता वस्तुओं (एफएमसीजी) की बिक्री शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्र में तेज गति से बढ़ने की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण भारत में रिवाइवल की उम्मीद नजर आ रही है और अब एफएमसीजी कंपनियों के लिए ग्रामीण भारत एक ‘चमकता सितारा’ कहा जा रहा है। 2024 में इसमें ‘रिवाइववल’ होने की संभावना है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र साल की दूसरी तिमाही में अपनी स्थिति मजबूत कर सकता है।
इस कारण मांग और बढ़ने की उम्मीद
ग्रामीण क्षेत्रों में इस वृद्धि को सरकार द्वारा इस वर्ष की शुरुआत में अंतरिम बजट में घोषित क्षेत्र-केंद्रित उपायों से बढ़ावा मिला है, जिसकी वजह से इसमें स्थिरता आई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस साल जिन राज्यों में चुनाव होना है। ऐसे कुछ राज्यों में अपेक्षित लोकलुभावन उपायों से भी ग्रामीण क्षेत्र में इन उपभोक्ता वस्तुओं (एफएमसीजी) की मांग बढ़ने की उम्मीद है।
ग्रामीण विकास शहरी विकास से आगे
कांतार की रिपोर्ट के अनुसार, '2024 की शुरुआत ग्रामीण क्षेत्रों के लिए शानदार रही है, ऐसे में ग्रामीण विकास शहरी विकास से आगे निकल गया है और वह तेजी से और आगे की ओर अग्रसर हो रहा है।' रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि शहरी बाजार में लगातार तीन तिमाहियों में वृद्धि नहीं देखी गई है। आम तौर पर देखें तो एफएमसीजी उत्पादों की बिक्री में ग्रामीण क्षेत्र का योगदान लगभग 35 से 37 प्रतिशत है।
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