नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच देश में घरों की बिक्री ने बीते 8.5 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। संपत्ति सलाहकार फर्म जेएलएल की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही में घरों बिक्री 70% बढ़ी। सबसे अधिक बढ़ोतरी बेंगलुरु में देखने को मिली। इसके बाद दिल्ली—एनसीआर के प्रॉपर्टी मार्केट का स्थान रहा।
जेएलएल के रेजिडेंशियल मार्केट अपडेट-क्यू4 2021 के अनुसार, भारत के सात प्रमुख शहरों में 2021 की चौथी तिमाही में घरों की बिक्री में साल-दर-साल के आधार पर 114% बढ़ी। वहीं, चौथी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2021) में घरों बिक्री की 2020 की पहली तिमाही यानी महामारी-पूर्व के स्तरों से 70% ऊपर थी। रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना महामारी के बावजूद, घरों की बिक्री तिमाही आधार पर 40% बढ़ी है।
शहर तिमाही आधार पर वृद्धि (% में)
बेंगलुरु 96%
चेन्नई 80%
दिल्ली-एनसीआर 28%
हैदराबाद 2%
कोलकाता 68%
मुंबई 4%
पुणे 44%
धारणा सूचकांक रिकॉर्ड ऊंचाई पर रियल एस्टेट क्षेत्र की धारणा सकारात्मक बनी हुई है। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान रियल एस्टेट धारणा सूचकांक रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। नाइट फ्रैंक-फिक्की- नारेडको रियल एस्टेट धारणा सूचकांक रिपोर्ट के अनुसार, सर्वेक्षण में पाया गया कि कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बावजूद हितधारक अगले छह महीनों के लिए सकारात्मक हैं।
मुंबई में घरों का पंजीकरण 53 प्रतिशत बढ़ा
मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में घरों का पंजीकरण 2021 में इससे पिछले साल के मुकाबले 53 प्रतिशत बढ़कर 2.42 लाख इकाई हो गया। उद्योग निकाय क्रेडाई-एमसीएचआई, रियल एस्टेट कंसल्टेंट कोलियर्स इंडिया और डेटा विश्लेषण फर्म सीआरई मैट्रिक्स ने सोमवार को अपनी संयुक्त रिपोर्ट ‘एमएमआर हाउसिंग अपटिक एडेड बाय सपोर्ट’ जारी की। रिपोर्ट के मुताबिक, कैलेंडर वर्ष 2021 में 2,42,061 आवासीय संपत्तियों का पंजीकरण हुआ, जबकि यह आंकड़ा 2020 में 1,58,327 इकाई और 2019 में 2,01,613 इकाई था।
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