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Salary Hike: नौकरी करने वालों के लिए खुशखबरी! कंपनियां वेतन में इतने फीसदी की इंक्रीमेंट करेगी

Salary Hike: 2022 के दौरान वेतन में 10.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। अध्ययन के तहत 1,300 कंपनियों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है।

Salary Hike - India TV Paisa Image Source : FILE Salary Hike

Highlights

  • 2022 की पहली छमाही में नौकरी छोड़ने की दर 20.3 प्रतिशत के उच्च स्तर पर रही
  • यह दर वर्ष 2021 में 21 प्रतिशत के मुकाबले कम है
  • यह आंकड़ा फरवरी के वेतन में 9.9 प्रतिशत की वृद्धि के अनुमान से अधिक है

Salary Hike: अगर आप भी नौकरीपेशा हैं तो यह खबर आपके ल‍िए है । यकीनन आप इस खबर को पढ़कर खुश हो जाएंगे । देश में कंपनियां अपने कारोबार में मजबूत प्रदर्शन की उम्मीद के के चलते वर्ष 2023 में कर्मचारियों के वेतन में 10.4 प्रतिशत की वृद्धि कर सकती हैं। वैश्विक पेशेवर सेवा कंपनी एओएन पीएलसी के भारत में वेतन वृद्धि के ताजा सर्वेक्षण के अनुसार वेतन में 2023 के दौरान 10.4 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है। यह आंकड़ा फरवरी के वेतन में 9.9 प्रतिशत की वृद्धि के अनुमान से अधिक है।

उद्योगों की 1,300 कंपनियों के आंकड़ों का विश्लेषण

वहीं, 2022 के दौरान वेतन में 10.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। अध्ययन के तहत देश में 40 से अधिक उद्योगों की 1,300 कंपनियों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है। इसमें कहा गया कि 2022 की पहली छमाही में नौकरी छोड़ने की दर 20.3 प्रतिशत के उच्च स्तर पर रही। इसलिए कंपनियों पर वेतन में वृद्धि का दबाव है। यह दर वर्ष 2021 में 21 प्रतिशत के मुकाबले कम है। सर्वेक्षण के अनुसार, यह प्रवृत्ति अगले कुछ महीने जारी रहने की संभावना है। भारत में एओन में ह्यूमन कैपिटल सॉल्यूशंस भागीदार आर चौधरी ने कहा, ‘‘वैश्विक चुनौतियों और उच्च घरेलू मुद्रास्फीति के बावजूद 2023 में भारत में अनुमानित वेतन वृद्धि ढहाई अंकों में होगी।’’

कुल वेतन में 40 प्रतिशत योगदान: रिपोर्ट

देश के सार्वजनिक क्षेत्र का राष्ट्रीय आय में सिर्फ 20 प्रतिशत योगदान है, लेकिन कुल वेतन में यह क्षेत्र लगभग 40 प्रतिशत योगदान देता है। घरेलू रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। इंडिया रेटिंग्स ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में खत्म होने वाले दशक के दौरान सकल मूल्यवर्धन में सार्वजनिक क्षेत्र की औसत हिस्सेदारी 19.2 प्रतिशत रही, लेकिन वेतन में हिस्सेदारी 39.2 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर ये निष्कर्ष दिए गए हैं। एजेंसी ने कहा कि जीवीए और मजदूरी में निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी ‘‘अधिक समान रूप से संतुलित’’ है।

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