सैलरी उठाने वाले लोग आम तौर पर टैक्स से संबंधित नियमों का पालन करते है और ईमानदारी से अपने टैक्स का भुगतान करते हैं। ऐसे में सरकार से यह उम्मीद की जा रही है कि इस बार के बजट में नौकरीपेशा लोगों के लिए टैक्स चुकाने पर कुछ प्रोत्साहन राशि या फिर थोड़ी बहुत छुट की पेशकश की जा सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि 80सी की सीमा में वृद्धि हुई है, क्योंकि कई वर्षों से कोई संशोधन नहीं किया गया है। साथ ही 80सी की सीमा को इनकम स्लैब से जोड़ा जाए तो यह फायदेमंद होगा।
पॉलिसी बाजार के को-फाउंडर और डायरेक्टर मनोज शर्मा का कहना है कि उच्च शिक्षा में निवेश करने वाले टैक्सपेयर्स के लिए अतिरिक्त टैक्स प्रोत्साहन एक अच्छा कदम होगा। साथ ही घर खरीदने या बनाने के लिए लिया गया कोई भी होम लोन (व्यक्तिगत लोन या संपत्ति के बदले लोन) पर टैक्स लाभ मिलना चाहिए। बीमा हर किसी के लिए एक महत्वपूर्ण पहलू है और सरकार को सभी वेतनभोगी और अन्य टैक्सपेयर्स को प्रारंभिक चरण में बीमा योजना खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि वे जीवन भर बीमाकृत रहें। बीमा योजनाओं पर खर्च की गई राशि पर कर कटौती की अनुमति देने के लिए बजट में एक विशेष नई धारा शुरू की जानी चाहिए।
इन बातों पर सरकार दे ध्यान
- बच्चों की शिक्षा पर खर्च की गई राशि के लिए कर कटौती।
- माता-पिता के स्वास्थ्य और बीमा पर खर्च की गई राशि के लिए कर कटौती।
- स्वास्थ्य बीमा और सावधि बीमा पर खर्च की गई राशि के लिए कर कटौती।
- स्वयं तथा परिवार के आश्रित सदस्यों के लिए बड़ी बीमारियों के चिकित्सा पर व्यय की गई राशि पर कर कटौती एवं निवारक स्वास्थ्य जांच।
- स्वयं के उपयोग के लिए संपत्ति की खरीद के लिए लिए गए लोन के लिए ईएमआई/ब्याज भुगतान के लिए कर कटौती।
- सामाजिक कारणों से काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों को दिए गए अनुदान के लिए कर कटौती।
80सी ढांचे के तहत उपलब्ध मौजूदा टैक्स लाभों के अलावा, निम्नलिखित टैक्स लाभों पर भी विचार किया जा सकता है। विभिन्न निवेश योजनाओं जैसे आरईआईटीएस, एआईएफ और अन्य छोटी अवधि की सरकारी योजनाओं जैसे केवीपी, एनएससी में निवेश के लिए कर लाभ की अनुमति देना, एनएससी में निवेश की सीमा बढ़ाना और शेयरधारकों के निवेश के लिए कर छूट या रियायती टैक्स रेट की अनुमति देना शामिल है।
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