A
Hindi News पैसा बिज़नेस रूस-यूक्रेन संकट से भारत में गहराएगा संकट, निजी उपयोग वाले बिजली घरों, उद्योगों को कोयले की आपूर्ति पर पड़ेगा असर

रूस-यूक्रेन संकट से भारत में गहराएगा संकट, निजी उपयोग वाले बिजली घरों, उद्योगों को कोयले की आपूर्ति पर पड़ेगा असर

संगठन के अनुसार वैश्विक स्तर पर ऊर्जा संसाधनों की बढ़ती कीमतों के बीच बिजली उत्पादक अपनी मांग को पूरा करने के लिए घरेलू कोयले की आपूर्ति को लेकर सरकार पर दबाव डालेंगे।

<p>Power Plant</p>- India TV Paisa Image Source : FILE Power Plant

नयी दिल्ली। यूक्रेन और रूस के बीच सैन्य युद्ध से ऊर्जा के दाम वैश्विक स्तर पर बढ़े हैं। इससे बिजली संयंत्रों की कोयला आयात की प्रवृत्ति कम होगी। फलत: निजी उपयोग वाले बिजली संयंत्रों और इस्पात तथा एल्यूमीनियम जैसे उद्योगों के लिये सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया से ईंधन की आपूर्ति पर और असर पड़ेगा। यह बात इंडियन कैप्टिव पावर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (आईसीपीपीए) ने कही है। 

संगठन के अनुसार वैश्विक स्तर पर ऊर्जा संसाधनों की बढ़ती कीमतों के बीच बिजली उत्पादक अपनी मांग को पूरा करने के लिए घरेलू कोयले की आपूर्ति को लेकर सरकार पर दबाव डालेंगे। इससे बिजली के अलावा दूसरे क्षेत्रों में ईंधन की आपूर्ति पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। 

आईसीपीपीए के महासचिव राजीव अग्रवाल ने कहा, "रूस-यूक्रेन संकट के कारण वैश्विक स्तर पर ऊर्जा के दाम तेजी से बढ़े हैं। इससे कोयला और कोक का आयात करने के रुख में कमी आएगी। इससे निजी उपयोग के लिये बिजली घर चलाने वाले के साथ-साथ उद्योगों के लिये ईंधन की आपूर्ति प्रभावित होगी।’’ 

गौरतलब है कि एल्युमीनियम, सीमेंट, स्टील, स्पंज-आयरन, कागज, उर्वरक, रसायन, रेयान और उनके बिजली घर (सीपीपी) जैसे उद्योग ज्यादातर घरेलू कोयले पर निर्भर हैं। अग्रवाल ने कहा, "पिछले छह-सात महीनों से हमें कोयले की बहुत कम आपूर्ति हो रही है। अब इस संकट के कारण बिजली संयंत्रों की आयात की प्रवृत्ति कम होगी। इसके कारण उद्योग रेल मार्ग के जरिये अधिक से अधिक कोयला देने के लिए सरकार पर दबाव डालेंगे। 

इससे निजी उपयोग वाले बिजली घरों और उद्योगों के लिये आपूर्ति प्रभावित होगी या चीजें सामान्य होने में और विलम्ब होगा।’’ गैर-बिजली क्षेत्रों को कोयले की आपूर्ति केवल आठ प्रतिशत ही है और अभी भी गैर-नियमित क्षेत्र ईंधन की कमी का सामना कर रहे हैं। 

Latest Business News