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Hindi News पैसा बिज़नेस ग्रामीण अर्थव्यवस्था अब निर्णायक मोड़ पर, जीडीपी की रफ्तार तेज करने में मिलेगी मदद: रिपोर्ट

ग्रामीण अर्थव्यवस्था अब निर्णायक मोड़ पर, जीडीपी की रफ्तार तेज करने में मिलेगी मदद: रिपोर्ट

जब घरेलू आय बढ़ती है, तो लोग बेहतर जीवन जीने, बेहतर दिखने और बेहतर महसूस करने की इच्छा रखते हैं। गांवों में अब प्रति व्यक्ति आय भी उस मोड़ के करीब है जहां से गैर-खाद्य खपत बढ़ रही है। लोग अपनी बेहतर लाइफ स्टाइल के लिए खर्च बढ़ा रहे हैं।

Rural Economy - India TV Paisa Image Source : FILE ग्रामीण अर्थव्यवस्था

देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मांग तेजी से बढ़ी है। यह भारतीय अर्थव्यावस्था के लिए अच्छी खबर है। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी की रिपोर्ट के अनुसार, देश की अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलयन डॉलर की बनाने में ग्रामीण भारत की अहम भूमिका होगी क्योंकि हमारी कामकाजी उम्र की आबादी का एक बड़ा हिस्सा गांवों में रहती है। आज भी भारत की 64% आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। वहीं, ग्रामीण अर्थव्यवस्था भारत की जीडीपी में लगभग आधे का योगदान देती है। अब गांवों से मांग में तेजी आई है। यह जीडीपी की सुस्त रफ्तार को पटरी पर लाने में मदद करेगी। भारतीय रिजर्व बैंक ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि भारत में कुल मांग की गति बढ़ रही है, ग्रामीण खर्च में सुधार के कारण कुल गैर-खाद्य खर्च बढ़ रहा है। 

सरकार ने लगातार कई कदम उठाए 

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी में फंड मैनेजर प्रियंका खंडेलवाल ने कहा कि भारत सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन स्तर में सुधार के लिए बड़े पैमाने पर निवेश किए गए हैं। इससे बहुत लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकलने में मदद मिली है। हालांकि, रोजगार के लिए कृषि पर बहुत अधिक निर्भरता के कारण पिछले कुछ वर्षों में समग्र स्तर पर ग्रामीण आय में अच्छा प्रदर्शन नहीं हुआ है। वहीं, शहरी आय वृद्धि बेहतर रही है। यही कारण है कि शहरी भारत ने ग्रामीण भारत की तुलना में आय और उपभोग वृद्धि के मामले में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है।ं

ग्रामीण भारत के विकास पर भरोसा 

ग्रामीण भारत के विकास पर भरोसा जताते हुए आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ने रूरल अपॉर्चुनिटीज फंड लाया है। यह फंड ग्रामीण विकास और उपभोग विषयों में निवेश प्रदान करता है। यह निफ्टी इंडिया रूरल इंडेक्स को ट्रैक करता है, जो 11 क्षेत्रों और 75 शेयरों को कवर करने वाला एक विविध बेंचमार्क है, जिसमें लार्ज-कैप कंपनियों के प्रति एक मजबूत हिस्सा है।

आय में सुधार होगा तो मांग बढ़ेगी

जैसे-जैसे ग्रामीण भारतीयों की आय में सुधार होगा, ग्रामीण उपभोग में भी वृद्धि होने की संभावना है। लेकिन ग्रामीण विकास में भी तेजी आनी चाहिए। वित्तीय समावेशन एक ऐसा विषय है जिससे लाभ हो सकता है। जैसे-जैसे आय बढ़ती है, ग्रामीण क्षेत्रों में बचत बढ़नी चाहिए और जमा राशि में वृद्धि की संभावना को देखते हुए, बैंकिंग क्षेत्र अपने शाखा नेटवर्क का विस्तार करने के लिए देश में गहराई तक जाने पर विचार करेगा। जब आय में सुधार होगा, तो लोग अपने परिवार के भविष्य के बारे में सोचना शुरू कर देंगे और ग्रामीण क्षेत्रों में बीमा की पहुंच बढ़ने की गुंजाइश है। ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा की खपत बढ़नी चाहिए, न केवल घरेलू खपत के कारण बल्कि औद्योगिक खपत के कारण भी। 

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