रुपया टूटकर 79.90 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड लो पर, Stock Market भी लगातार चौथे दिन लुढ़का
दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के समक्ष डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.37 प्रतिशत बढ़कर 108.36 हो गया।
Rupee vs Dollar: स्थानीय शेयर बाजार से विदेशी पूंजी की निर्बाध निकासी और विदेशी बाजारों में डॉलर में मजबूती के रुख के बीच अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में गुरुवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया नौ पैसे की गिरावट के साथ 79.90 (अस्थायी) प्रति डॉलर के नए सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ। वहीं, कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच घरेलू शेयर बाजार ने शुरुआती बढ़त गंवा दी और लगातार चौथे दिन गिरावट के साथ बंद हुए।
डॉलर सूचकांक में लगातार मजबूती
दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के समक्ष डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.37 प्रतिशत बढ़कर 108.36 हो गया। बाजार सूत्रों ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आने से रुपये की गिरावट पर कुछ अंकुश लगा। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया मजबूत रुख के साथ 79.72 प्रति डॉलर पर खुला। कारोबार के दौरान रुपया 79.71 के उच्चतम स्तर तक गया तथा 79.92 रुपये के निचले स्तर तक आया। अंत में रुपया पिछले बंद भाव के मुकाबले नौ पैसे की गिरावट के साथ 79.90 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
सेंसेक्स 98 अंक लुढ़ककर बंद
कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच घरेलू शेयर बाजार में बृहस्पतिवार को आईटी एवं बैंकिंग शेयरों में जोरदार बिकवाली से दोनों प्रमुख सूचकांकों ने शुरुआती बढ़त गंवा दी और लगातार चौथे दिन गिरावट के साथ बंद हुए। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 98 अंक यानी 0.18 प्रतिशत गिरकर 53,416.15 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 53,861.28 अंक के उच्च स्तर और 53,163.77 अंक के निचले स्तर पर भी रहा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी शुरुआती लाभ गंवाते हुए 28 अंक यानी 0.18 प्रतिशत गिर गया और 15,938.65 अंक पर बंद हुआ।
एक्सिस बैंक को सबसे ज्यादा नुकसान
सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों में से एक्सिस बैंक को सर्वाधिक 1.74 प्रतिशत का नुकसान झेलना पड़ा। एचसीएल टेक्नोलॉजीज, एसबीआई, टेक महिंद्रा, टीसीएस, विप्रो, अल्ट्राटेक सीमेंट और आईटीसी भी नुकसान में रहीं। वहीं सन फार्मा, डॉ रेड्डीज लैब, मारुति सुजुकी इंडिया, कोटक महिंद्रा बैंक, टाइटन और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर बढ़त लेने में सफल रहे। एशिया के अन्य बाजारों में चीन के शंघाई कंपोजिट, हांगकांग के हैंगसेंग और दक्षिण कोरिया के कॉस्पी में गिरावट दर्ज की गई, जबकि जापान का निक्की लाभ के साथ बंद हुआ।
अमेरिका की महंगाई ने बिगाड़ा मूड
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, अमेरिका में मुद्रास्फीति के आंकड़े उम्मीद से ज्यादा रहने से कारोबारी धारणा पर असर पड़ा और भारतीय बाजारों ने अपनी बढ़त गंवा दी। निवेशकों को लग रहा है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ऊंची मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए ब्याज दर में कम-से-कम 0.75 प्रतिशत की बढ़ोतरी जरूर करेगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि घरेलू स्तर पर थोक मुद्रास्फीति के जून में थोड़ा नरम होने की खबर आई लेकिन यह अब भी ऊंचे स्तर पर ही बनी हुई है। थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति जून में 15.18 प्रतिशत रही है यह लगातार 15वां महीना है जब थोक महंगाई दर दहाई अंक में बनी हुई है। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.97 प्रतिशत गिरकर 97.61 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय बाजारों से निकासी जारी रखी है। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने बुधवार को 2,839.52 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।