नई दिल्ली। पतंजलि आयुर्वेद के नियंत्रण वाली कंपनी रुचि सोया का अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) गुरुवार को खुला। कंपनी का इरादा एफपीओ के जरिये 4,300 करोड़ रुपये जुटाने का है। वह इस राशि का इस्तेमाल खुद को कर्ज-मुक्त करने के लिए करेगी। बाबा रामदेव की अगुवाई वाली पतंजलि आयुर्वेद की इकाई रुचि सोया का यह निर्गम 28 मार्च को बंद होगा। इसके लिए मूल्य दायरा 615-650 रुपये प्रति शेयर तक रखा गया है।
एफपीओ को बड़ी सफलता मिलने की उम्मीद
रामदेव ने कहा कि रुचि सोया शेयर बाजार में जारी उठापटक के बीच यह एफपीओ लेकर आई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि रुचि सोया के उत्पादों एवं इस ब्रांड के प्रति लोगों के भरोसे को देखते हुए एफपीओ को बड़ी सफलता मिलेगी। उन्होंने बताया कि कंपनी ने एंकर निवेशकों से बुधवार को 1,290 करोड़ रुपये जुटाए हैं। उन्होंने कहा कि एफपीओ से जुटने वाली राशि का इस्तेमाल रुचि सोया के 3,300 करोड़ रुपये के सावधि ऋण को उतारने के लिए किया जाएगा। इसके बाद कंपनी कर्ज-मुक्त हो जाएगी। एफपीओ के लिए निर्गम का मूल्य दायरा बाजार की उम्मीदों से कम रखे जाने के बारे में पूछे जाने पर रामदेव ने कहा कि निवेशकों को बेहतर रिटर्न देने के इरादे से ऐसा किया गया है।
पतंजलि के पास 98.9 फीसदी शेयर
दिवालिया प्रक्रिया के तहत रुचि सोया का अधिग्रहण करने वाली पतंजलि आयुर्वेद के पास इस कंपनी के 98.9 फीसदी शेयर हैं। एफपीओ के बाद उसकी हिस्सेदारी घटकर करीब 81 प्रतिशत रह जाएगी। वहीं सार्वजनिक हिस्सेदारी बढ़कर करीब 19 फीसदी हो जाएगी। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने रुचि सोया के एफपीओ को अगस्त, 2021 में मंजूरी दी थी। किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में न्यूनतम 25 फीसदी सार्वजनिक हिस्सेदारी की नियामकीय शर्त को पूरा करने के लिए यह निर्गम लाया गया है। कंपनी के पास प्रवर्तक हिस्सेदारी को घटाकर 75 प्रतिशत पर लाने के लिए करीब तीन साल का वक्त है।
पतंजलि आयुर्वेद ने वर्ष 2019 में रुचि सोया का अधिग्रहण दिवालिया प्रक्रिया के तहत किया था। उसपर 4,350 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया था। इसके प्रमुख ब्रांड में महाकोष, सनरिच, रुचि गोल्ड और न्यूट्रेला शामिल हैं।
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