देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने पर्यावरण के हिम में बड़ा कदम उठाया है। रिलायंस (Reliance) ने केंद्र सरकार की मिष्टी (मैंग्रोव इनीशिएटिव फॉर शोरलाइन हैबिटेट एंड टेंजिबल इनकम) स्कीम के तहत गुजरात के मरीन नेशनल में लगभग 3500 एकड़ क्षेत्र में मैंग्रोव वन विकसित करेगा। इस प्रोजेक्ट के विकास के लिए रिलायंस ने गुजरात सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
आज केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन, और श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेन्द्र यादव और जामनगर और द्वारका लोकसभा सांसद पूनमबेन मैडम की उपस्थिति में गुजरात सरकार के पर्यटन, सांस्कृतिक गतिविधि और वन एवं पर्यावरण मंत्री मुलुभाई बेरा और आरआईएल में कॉर्पोरेट मामलों के निदेशक और राज्यसभा सांसद परिमल नथवानी ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। एमओयू के मुताबिक मैंग्रोव वन को अगले पांच वर्षों में 510 लाख रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा।
भूपेन्द्र यादव और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने राधे कृष्ण मंदिर हाथी कल्याण ट्रस्ट द्वारा संचालित दुनिया के सबसे बड़े हाथी शिविर और ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर (जीजेडआरआरसी) द्वारा संचालित दुनिया के सबसे बड़े तेंदुआ बचाव केंद्र और अन्य जंगली जानवर बचाव केंद्रों का भी दौरा किया। बता दें कि इस विशाल परिसर में भारत के विभिन्न हिस्सों और विदेशों से बचाए गए जानवरों को रखा जाता है और उन्हें विश्व स्तरीय पुनर्वास सुविधाएं और चिकित्सा उपचार प्रदान करके उनकी देखभाल की जाती है।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन, और श्रम और रोजगार मंत्री भूपेन्द्र यादव, मुलुभाई बेरा, पर्यटन, सांस्कृतिक गतिविधियाँ और वन एवं पर्यावरण मंत्री, गुजरात सरकार, पूनमबेन मैडम संसद सदस्य, जामनगर और द्वारका शामिल हुईं। इसके साथ ही राजकोट से विधान सभा सदस्य उदय कांगड़, आरआईएल में कॉर्पोरेट मामलों के डायरेक्टर और राज्यसभा सांसद परिमल नाथवानी, चंद्र प्रकाश गोयल, वन महानिदेशक और विशेष सचिव MoEF&CC, एस.के. चतुर्वेदी, पीसीसीएफ और एचओएफएफ, गुजरात के साथ ही भारत सरकार और गुजरात सरकार के अन्य शीर्ष वन अधिकारी शामिल रहे।
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