म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार निवेशकों के अधिकार होंगे और मजबूत, 21 दिन में शिकायत करने पर मिलेगा समाधान
साथ ही शिकायतकर्ता नामित निकाय की तरफ से कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) जमा करने की तारीख से 15 दिन के भीतर शिकायत की दूसरी समीक्षा की मांग कर सकता है।
पूंजी बाजार नियामक सेबी ने स्कोर्स मंच के जरिये प्राप्त शिकायतों के निपटान और निगरानी से जुड़ी पंजीकृत इकाइयों और मनोनीत निकायों को लेकर नये दिशानिर्देश जारी किये हैं। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परिपत्र में कहा कि नए दिशानिर्देश चार दिसंबर से अमल में आएंगे। स्कोर्स (सेबी शिकायत निपटान प्रणाली) शिकायत निपटान प्रणाली है। इसकी शुरुआत जून, 2011 में हुई थी। निवेशक इसके जरिये प्रतिभूति बाजार, कंपनियों, मध्यस्थों और बाजार से जुड़े ढांचागत संस्थानों के खिलाफ सेबी के पास अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। नये दिशानिर्देशों के तहत स्कोर्स के जरिये शिकायत प्राप्त करने वाली कंपनियों समेत सभी इकाइयों को शिकायत मिलने की तिथि से 21 दिन के भीतर उसका समाधान करना होगा। इस पहले से म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार निवेशकों के अधिकार और मजबूत होंगे।
शिकायत की समीक्षा करने का विकल्प चुनने की होगी आजादी
किसी भी इकाई के खिलाफ स्कोर्स मंच पर दर्ज शिकायत समाधान और उसपर कार्रवाई रिपोर्ट को लेकर इसी मंच के माध्यम से स्वत: संबंधित इकाई के पास जाएगी। साथ ही, किसी भी इकाई के खिलाफ शिकायत स्कोर्स के जरिये संबंधित मनोनीत निकाय को भेजी जाएगी। सूचीबद्ध कंपनियों के लिये मनोनीत निकाय शेयर बाजार होंगे और म्यूचुअल फंड के लिये उनका संगठन एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) होगा। अगर शिकायकर्ता मामले के समाधान से संतुष्ट है या वह शिकायत की समीक्षा करने का विकल्प नहीं चुनता है, इसका निपटान हो जाएगा। हालांकि, अगर शिकायकर्ता संतुष्ट नहीं है, वह समस्या का समाधान उपलब्ध कराने वाली इकाई से उसकी समीक्षा का आग्रह कर सकता है। संबंधित इकाई कार्रवाई रिपोर्ट की तारीख से 15 दिन के भीतर इसका समाधान करेगी।
कंपनी पर जुर्माना लगाने का प्रावधान भी
साथ ही शिकायतकर्ता नामित निकाय की तरफ से कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) जमा करने की तारीख से 15 दिन के भीतर शिकायत की दूसरी समीक्षा की मांग कर सकता है। सेबी या नामित निकाय संबंधित इकाई से प्रस्तुत एटीआर पर स्पष्टीकरण मांग सकता है। इसके अलावा नियामक ने निर्धारित समय के भीतर निवेशकों की शिकायतों का निपटान करने में विफल रहने वाली सूचीबद्ध कंपनी पर जुर्माना लगाने का प्रावधान भी रखा है।