नई दिल्ली। खाने-पीने की वस्तुओं के दाम चढ़ने से मार्च में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 6.95 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह इसके 17 महीने का उच्च्तम स्तर है। मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। फरवरी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 6.07 प्रतिशत के स्तर पर थी।
खाद्य वस्तुओं के दाम में भयंकर बढ़ोतरी
मार्च में खाद्य वस्तुओं के दाम 7.68 प्रतिशत बढ़े। इससे पिछले महीने खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 5.85 प्रतिशत थी। यह लगातार तीसरा महीना है जबकि खुदरा मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है। रिजर्व बैंक अपनी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर गौर करता है। सरकार ने रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति को दो से छह प्रतिशत के दायरे में रखने का लक्ष्य दिया हुआ है।
महंगाई बढ़ाने में इन चीजों का योगदान
खुदरा महंगाई बढ़ाने में तेल और घी की कीमतों में मुख्य योगदान रहा है। तेल की कीमतें मार्च में सालाना 18.79 प्रतिशत बढ़ा। इसके अलावा सब्जियों की कीमतों में 11.64 फीसदी की तेजी देखी गई, जबकि मांस और मछली में 9.63 फीसदी और मसालों में 8.50 फीसदी की तेजी देखी गई। पिछले महीने गैर-मादक पेय पदार्थों में 5.62 प्रतिशत की वृद्धि हुई, अनाज और उत्पादों में 4.93 प्रतिशत और दूध और उत्पादों में 4.71 प्रतिशत की वृद्धि हुई। खाद्य और पेय पदार्थों के अलावा, ईंधन में 7.52 प्रतिशत, कपड़े और जूते में 9.40 प्रतिशत, आवास खंड में 3.38 प्रतिशत और पान, तंबाकू और नशीले पदार्थों में 2.98 प्रतिशत की तेजी आई।
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