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Hindi News पैसा बिज़नेस Interest Rate: अब तक किस बैंक ने कितना महंगा किया Home, Car Bike और Personal लोन, देनी होगी ज्यादा EMI

Interest Rate: अब तक किस बैंक ने कितना महंगा किया Home, Car Bike और Personal लोन, देनी होगी ज्यादा EMI

रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट बढ़ाए जाने के फौरन बाद निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक ने भी 8 जून 2022 से अपनी बाहरी बेंचमार्क उधार दर (EBLR) में बदलाव किया।

<p>RBI</p>- India TV Paisa Image Source : FILE RBI

Highlights

  • रिजर्व बैंक की घोषणा के तुरंत बाद बैंकों में ब्याज दरें बढ़ाने की होड़ लग गई
  • भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.50 फीसदी की वृद्धि की थी
  • रेपो दर पर आरबीआई बैंकों को उनकी उधारी जरूरतों के लिए कर्ज देता है

भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को पहले से अनुमानित झटका देते हुए रेपो रेट में 0.50 फीसदी की वृद्धि कर यह तय कर दिया था। इसके बाद होम, कार और पर्सनल लोन की दरें बढ़ना तय माना जा रहा था। ऐसा हुआ भी, रिजर्व बैंक की घोषणा के तुरंत बाद  बैंकों एवं अन्य वित्तीय संस्थानों में ब्याज दरें बढ़ाने की होड़ लग गई। अब तक करीब आधा दर्जन बैंकों के कर्ज महंगे हो गए हैं। 

बीते दो दिनों में ICICI बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक (PNB), बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक के अलावा एचडीएफसी लिमिटेड ने अपने ग्राहकों के लिए ऋण दरों में वृद्धि करने की घोषणा की है। बता दें कि रेपो दर पर आरबीआई बैंकों को उनकी अल्पकालिक उधारी जरूरतों के लिए कर्ज देता है। 

Image Source : fileBank Rate

ICICI बैंक ने बढ़ाई ब्याज दरें 

रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट बढ़ाए जाने के फौरन बाद निजी क्षेत्र के ICICI बैंक ने भी 8 जून 2022 से अपनी बाहरी बेंचमार्क उधार दर (EBLR) में बदलाव किया। बैंक ने ईबीएलआर को 8.10 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.60 प्रतिशत कर दिया। 

HDFC Limited

होम लोन देने वाली देश की सबसे बड़ी फाइनेंस कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड ने रिटेल प्राइम लेंडिंग रेट को 50 आधार अंक बढ़ा दिया है। नई ब्याज दरें 10 जून 2022 से लागू हो गई हैं। इसके साथ ही आज से एचडीएफसी होम लोन की ईएमआई बढ़ गई हैं। एचडीएफसी के अनुसार 10 जून से RPLR से लिंक लोन स्लैब 7.05 फीसदी से बढ़कर 7.55 फीसदी होगी।

क्या है MCLR

अधिकतर उपभोक्ता ऋण एक वर्षीय एमसीएलआर दर से जुड़े होते हैं। एमसीएलआर प्रणाली एक अप्रैल 2016 से लागू हुई थी। एक अक्टूबर 2019 से सभी बैंकों को आरबीआई की रेपो दर या ट्रेजरी बिल प्रतिफल जैसे बाहरी मानक से जुड़ी ब्याज दर पर ही उधार देना होगा। इसकी वजह से बैंकों द्वारा मौद्रिक नीति को अपनाने की रफ्तार तेजी से बढ़ी है।

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