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महंगाई के मोर्चे पर राहत की खबर, खुदरा महंगाई दिसंबर में घटकर 4 माह के निचले स्तर पर आई

सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर में घटकर चार महीने के निचले स्तर 5.22 प्रतिशत पर आ गई, जबकि नवंबर में यह 5.48 प्रतिशत थी।

Retail Inflation - India TV Paisa Image Source : FILE खुदरा महंगाई

महंगाई के मोर्चे पर राहत की खबर है। खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर के 5.5 प्रतिशत से घटकर दिसंबर में 5.22 प्रतिशत पर आ गई। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर में घटकर चार महीने के निचले स्तर 5.22 प्रतिशत पर आ गई, जबकि नवंबर में यह 5.48 प्रतिशत थी। इसका मुख्य कारण खाद्य वस्तुओं की कीमतों में नरमी है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति नवंबर में 5.48 प्रतिशत और दिसंबर 2023 में 5.69 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी सीपीआई के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर में खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति घटकर 8.39 प्रतिशत हो गई। नवंबर में यह 9.04 प्रतिशत और दिसंबर 2023 में 9.53 प्रतिशत थी। एनएसओ ने कहा कि दिसंबर 2024 में सीपीआई (सामान्य) और खाद्य मुद्रास्फीति पिछले चार महीनों में सबसे कम है।

आरबीआई ने बढ़ाया था अनुमान 

पिछले महीने, भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति अनुमान को 4.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.8 प्रतिशत कर दिया। इसने यह भी कहा कि खाद्य कीमतों के दबाव के कारण दिसंबर तिमाही में मुख्य मुद्रास्फीति के ऊंचे रहने की संभावना है। सीपीआई आधारित हेडलाइन मुद्रास्फीति जुलाई-अगस्त के दौरान औसतन 3.6 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर में 5.5 प्रतिशत और अक्टूबर 2024 में 6.2 प्रतिशत हो गई।

फरवरी में सस्ता हो सकता है लोन 

खुदरा महंगाई घटने से आरबीआई फरवरी में होने वाले मौद्रिक पॉलिसी की बैठक में रेपो रेट में कटौती का ऐलान कर सकता है। लंबे समय से रेपो रेट में कटौती की मांग हो रही है। हालांकि, महंगाई अधिक होने के चलते यह फैसला अटका हुआ है अब उम्मीद है कि फरवरी में लोन सस्ता हो सकता है। 

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