रिलायंस पावर लोन चुकाने को लेकर फिलहाल सक्रिय है। रिलायंस पावर की दो सब्सिडियरी कंपनियों ने ऑथम इन्वेस्टमेंट की शाखा रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस के साथ 1,023 करोड़ रुपये के कर्ज का निपटारा किया है। कंपनी ने बुधवार को शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि रिलायंस पावर लिमिटेड की दो सब्सिडियरी कंपनियों- कलाई पावर प्राइवेट लिमिटेड और रिलायंस क्लीनजेन लिमिटेड ने ऑथम इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी कंपनी रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (आरसीएफएल) के साथ एक लोन निपटान और एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
फंड का इस्तेमाल कर्ज चुकाने में होगा
खबर के मुताबिक, कंपनी ने बताया कि रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस के साथ लोन एग्रीमेंट (ऋण समझौता) रिलायंस पावर की तरफ से महाराष्ट्र में अपनी 45 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजना को जेएसडब्ल्यू रिन्यूएबल एनर्जी को 132 करोड़ रुपये में बेचने की घोषणा के कुछ दिन बाद आया है। कलाई पावर प्राइवेट लिमिटेड ने दिसंबर 2023 में अरुणाचल प्रदेश में अपनी प्रस्तावित 1,200 मेगावाट की जल-विद्युत परियोजना के विकास अधिकार टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड को 128 करोड़ रुपये में बेच दिए थे। रिलायंस पावर के एक अधिकारी के मुताबिक, इन संपत्तियों की बिक्री से जुटाए गए फंड का इस्तेमाल कर्ज चुकाने में किया गया।
रिलायंस पावर ऋण निपटान समझौतों पर हस्ताक्षर कर रही
ऑथम इन्वेस्टमेंट ने बैंकों के नेतृत्व वाली समाधान प्रक्रिया में 2022 में रिलायंस कैपिटल लिमिटेड से रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस और रिलायंस होम फाइनेंस का अधिग्रहण किया था। रिलायंस पावर पिछले कुछ महीनों में सक्रिय रूप से डीबीएस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक सहित विभिन्न बैंकों के साथ ऋण निपटान समझौतों पर हस्ताक्षर कर रही है। खबर के मुताबिक, रिलायंस पावर का लक्ष्य 31 मार्च 2024 के आखिर तक एकल आधार पर एक ऋण-मुक्त कंपनी बनने का है। वित्त वर्ष 2023 के आखिर में कंपनी पर करीब 700 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया था।
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