रिलायंस कैपिटल के भविष्य पर शुक्रवार को होगा बड़ा फैसला, हिंदुजा ग्रुप ने लगाई है 9,650 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी बोली
उच्चतम न्यायालय से दोबारा नीलामी करने की मंजूरी मिलने के बाद बुधवार को दूसरे दौर की नीलामी हुई थी।
कर्ज में डूबी कंपनी रिलायंस कैपिटल लिमिटेड (आरसीएल) के लिए हुई नीलामी में हिंदुजा समूह की कंपनी आईआईएचएल की तरफ से लगाई गई 9,650 करोड़ रुपये की बोली पर कर्जदाताओं की शुक्रवार को होने वाली बैठक में फैसला लिया जाएगा। सूत्रों ने बृहस्पतिवार को कहा कि कर्जदाताओं की समिति शुक्रवार को होने वाली बैठक में आईआईएचएल की बोली पर फैसला करेगी। बुधवार को हुई दूसरे दौर की नीलामी में इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (आईआईएचएल) ने सबसे ऊंची बोली लगाई थी। सूत्रों के मुताबिक, कर्जदाताओं के समक्ष आईआईएचएल की तरफ से एक कर्ज समाधान योजना का खाका भी रखा जा सकता है। दूसरे चरण की नीलामी में अकेले आईआईएचएल ने बोली लगाई जबकि टॉरेंट इन्वेस्टमेंट्स और सिंगापुर की ओकट्री ने बोली प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया।
नीलामी के पहले दौर में टॉरेंट इन्वेस्टमेंट्स ने 8,640 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। रिलायंस कैपिटल के ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) ने दूसरे दौर की नीलामी के लिए 10,000 करोड़ रुपये का आधार मूल्य तय किया था। वहीं पहले दौर की नीलामी के लिए न्यूनतम बोली 9,500 करोड़ रुपये तय की गई थी। सूत्रों ने कहा कि आईआईएचएल ने 9,650 करोड़ रुपये की समूची राशि को नकद में देने की बात कही है। इसके अलावा रिलायंस जनरल इंश्योरेंस में वह 300 करोड़ रुपये लगाने और 50 करोड़ रुपये का अलग से भुगतान करने के लिए भी तैयार है।
उच्चतम न्यायालय से दोबारा नीलामी करने की मंजूरी मिलने के बाद बुधवार को दूसरे दौर की नीलामी हुई थी। हालांकि, न्यायालय के अंतिम फैसले पर ही दूसरे दौर की बोली प्रक्रिया का नतीजा निर्भर करेगा। दरअसल, पहले दौर की नीलामी में सर्वाधिक बोली लगाने वाली टॉरेंट ने आईआईएचएल पर बाद में संशोधित बोली लगाने का आरोप लगाते हुए उसे न्यायालय में चुनौती दी हुई है। गत दिसंबर में संपन्न पहले दौर की नीलामी में आईआईएचएल ने पहले 8,110 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी लेकिन बाद में उसे संशोधित कर 9,000 करोड़ रुपये कर दिया था।
कर्जदाताओं ने उम्मीद के अनुरूप बोली नहीं मिलने पर दूसरे दौर की नीलामी करने का फैसला किया था। रिजर्व बैंक ने भुगतान में चूक और गंभीर परिचालन मुद्दों को ध्यान में रखते हुए 29 नवंबर, 2021 को रिलायंस कैपिटल के निदेशक मंडल को भंग कर दिया था। इसके साथ ही नागेश्वर राव वाई को प्रशासक नियुक्त कर दिवाला प्रक्रिया पूरा करने का जिम्मा भी सौंपा गया था।