नोएडा-ग्रेटर नोएडा के हजारों होम बायर्स को बड़ी राहत मिलने जा रही है। दरअसल, सालों से सैकड़ों रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट में अटके फ्लैट की रजिस्ट्री शुरू होने वाली है। इस संदर्भ में नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार को सौंप दी है। इसमें अथॉरिटी के बकाये प्रोजेक्ट में भी घर खरीदरों को उनके फ्लैट की रजिस्ट्री कराने का सुझाव दिया है। माना जा रहा है कि लाखों घर खरीदारों को राहत देते हुए सरकार इस सुझाव पर जल्द अमल करेगी और फ्लैटों की रजिस्ट्री शुरू कराएगी।
बिल्डर के बकाये से होम बायर्स परेशान
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हजारों ऐसे होम बायर्स हैं जो बिल्डर के बकाये के कारण अपने फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं करा पा रहे हैं, जबकि वह पूरा पैसा दे चुके हैं। अब केमेटी की ओर से मिले सुझाव के बाद इस बात पर मंथन हो रहा है कि बिल्डर के बकाये के बाद भी घर खरीदारों को किस तरह से मालिकाना हक दिया जाए। रियल एस्टेट के जानकारों का कहना है कि जिस प्रोजेक्ट का काम पूरा हो चुका है, उसमें रजिस्ट्री कराई जा सकती है। बकाया पैसा बिल्डर के दूसरे प्रोजेक्ट या उसमें बचे फ्लैट को बेचकर ली जा सकती है।
बिल्डर को जीरो पीरियड का फायदा देने की तैयारी
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सैंकड़ों बिल्डर अथॉरिटी द्वारा वसूले जा रहे अधिक ब्याज का मुद्दा उठा रहे हैं। इसको देखते हुए सरकार उनको जीरो पीरियड का लाभ दे सकती है। इससे अधूरे प्रोजेक्ट का काम पूरा करने में मदद मिलेगी। कोरोना के बाद बहुत सारे प्रोजेक्ट का काम अटका हुआ है। रेरा की पहल पर कुछ प्रोजेक्ट का काम शुरू हुआ है। अटके प्रोजेक्ट से सबसे अधिक नुकसान होम बायर्स को हो रहा है।
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