नोएडा अथॉरिटी ने अपनी बोर्ड बैठक में होम बायर्स के लिए काफी अच्छा निर्णय लिया है। अथॉरिटी ने बिल्डरों के 118 प्रोजेक्ट में करीब 34,000 फ्लैट खरीदारों को मालिकाना हक यानी रजिस्ट्री शुरू करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही 69,000 फ्लैटों के निर्माण का रास्ता भी साफ हुआ है। अथॉरिटी की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, फ्लैटों की रजिस्ट्री 3 महीने के अंदर शुरू होगी। यानी सालों का इंतजार अब खत्म होने वाला है। 90 दिन के अंदर फ्लैट की रजिस्ट्री शुरू हो जाएगी। इससे हजारों परिवार राहत की सांस लेंगे।
नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह ने कहा कि सरकार की इस पहल से खरीदारों को बड़ी राहत मिलेगी। सभी बने हुए फ्लैट की ओसी-सीसी हो जाएगी। फ्लैटों में रहने वाले खरीदारों के नाम जल्द रजिस्ट्री हो जाएगी। इससे खरीदारों को मालिकाना हक मिलेगा।
अमिताभ कांत समिति की सिफारिशें को लागू किया
औद्योगिक विकास आयुक्त और नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित 213वीं बोर्ड बैठक में अमिताभ कांत समिति की सिफारिशें लागू करने पर शासन से जारी शासनादेश को अंगीकृत करने पर मुहर लग गई है। नोएडा में कुल 118 प्रोजेक्ट हैं। इसमें 1 लाख 69 हजार 250 यूनिट स्वीकृत हैं। इसमें से 99,792 यूनिट को ओसी मिल चुका है। वहीं, 65,277 फ्लैट की रजिस्ट्री हो चुकी है। ऐसे में कुल 34,000 के आसपास बायर्स को उनका मालिकाना हक मिलेगा। करीब 69,000 फ्लैट का निर्माण हो सकेगा।
वहीं, नोएडा प्राधिकरण में कुल 87 डिफॉल्ट प्रोजेक्ट हैं, जिनका प्राधिकरण पर करीब 28,000 करोड़ बकाया है। 31 प्रोजेक्ट कोर्ट और एनसीएलटी में चल रहे हैं। इसमें 35,000 फ्लैट और 20,000 करोड़ बकाया है। वहीं, 56 डिफाल्टर प्रोजेक्ट हैं, इसमें 32,000 फ्लैट और 8,000 करोड़ का बकाया है।
बिल्डर को भी कई लाभ मिलेंगे
इससे बिल्डर परियोजनाओं को पूरा करने के लिए शून्यकाल का लाभ, बकाया जमा करने के लिए समयावधि, मॉर्टगेज परमिशन, परियोजना पूरी करने के लिए समय वृद्धि का लाभ मिल सकेगा, जबकि फ्लैट खरीदारों को तीन माह में रजिस्ट्री, अतिरिक्त पैसा नहीं देने समेत कई लाभ मिलेंगे। हालांकि, शर्तों का उल्लंघन करने पर बिल्डरों को लाभ नहीं मिल सकेगा। इस बोर्ड बैठक में नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सीईओ एनजी रवि कुमार समेत तीनों प्राधिकरण और बोर्ड के अन्य सदस्यों की मौजूदगी में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई है।
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