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Hindi News पैसा बिज़नेस दुनिया भर में मंदी, महंगाई और लगातार हो रही छंटनी के बीच यहां 2 लाख से अधिक लोगों को नवंबर में मिली नौकरी

दुनिया भर में मंदी, महंगाई और लगातार हो रही छंटनी के बीच यहां 2 लाख से अधिक लोगों को नवंबर में मिली नौकरी

एक तरफ जहां दुनिया मंदी की चपेट में आती जा रही है, अलग-अलग कंपनियां अपने यहां छंटनी रही है तो वहीं दूसरी तरफ इस देश में सिर्फ नवंबर महीने में 2 लाख से अधिक लोगों को नौकरी मिली है।

छंटनी के बीच यहां 2 लाख से अधिक लोगों को मिली नौकरी- India TV Paisa Image Source : FILE छंटनी के बीच यहां 2 लाख से अधिक लोगों को मिली नौकरी

आज के समय में दुनिया के कई देश मंदी के चपेट में आ गए हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियां तक अपने यहां छंटनी कर रही हैं। ट्विटर, फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन से लेकर ओला-उबर की हालत खराब है। ऐसे में दुनिया का ये देश अपने यहां नए लोगों को रोजगार दे रहा है। पिछले महीने में अकेले 2,63,000 लोगों को नौकरी मिली है। इसकी जानकारी वहां के श्रम मंत्रालय ने दी है।

किस देश में मिल रहा है मौका?

अमेरिका में इस समय बेरोजगारी दर 3.7 प्रतिशत हो गई है, जो 53 साल के निचले स्तर के करीब है। नवंबर से पिछले वाले महीने यानि अक्टूबर में 284,000 नौकरियों मिली थी। अमेरिका में भले ही महंगाई है, फेड ब्याज दरें बढ़ा रहा हो, लेकिन वहां लोगों को मौका भी खूब मिल रहा है। इतना ही नहीं वहां काम करने वाले लोगों को ना सिर्फ नौकरी मिली है बल्कि उनके काम करने पर दिए जाने वाले पेमेंट में भी बदलाव किया गया है। नवंबर में औसत प्रति घंटा वेतन साल भर पहले की तुलना में 5.1 प्रतिशत बढ़ा है।

महंगाई पर लगाम लगाने की कोशिश

फेड अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने कहा कि केंद्रीय बैंक के लिए महंगाई को तेजी से धीमा करने के लिए नौकरियां और मजदूरी बहुत तेजी से बढ़ रही थी। फेड ने महंगाई को अपने 2 प्रतिशत वार्षिक लक्ष्य की ओर वापस लाने की कोशिश करने के लिए अपनी बेंचमार्क दर को मार्च में लगभग शून्य से लगभग 4 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है।

स्थिर भर्ती और बढ़ती तनख्वाह ने अमेरिकी परिवारों की मदद की है क्योंकि अक्टूबर में महंगाई के समायोजन के बाद उपभोक्ता खुल कर खर्च कर रहे हैं। बता दें, अमेरिकी अर्थव्यवस्था पिछली तिमाही में 2.9 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ी है।

मंदी को लेकर परेशान हैं लोग

मार्केट में आई थोड़ी कमजोरी के संकेतों ने अगले साल संभावित मंदी के बारे में चिंताओं को जन्म दिया है, क्योंकि कई लोगों को डर है कि फेड की बढ़ती दर में बढ़ोतरी से अर्थव्यवस्था पटरी से उतर जाएगी। क्योंकि एक तरफ कई बड़ी अमेरिकी कंपनियां छंटनी भी कर रही है, जिसमें
अमेजन, मेटा और ट्विटर जैसी कंपनियां शामिल हैं। 

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