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Hindi News पैसा बिज़नेस RBI MPC के फैसले से रियल एस्टेट सेक्टर खुश, डेवलपर्स बोले- घर खरीदारों का बढ़ेगा भरोसा, बिक्री बढ़ेगी

RBI MPC के फैसले से रियल एस्टेट सेक्टर खुश, डेवलपर्स बोले- घर खरीदारों का बढ़ेगा भरोसा, बिक्री बढ़ेगी

अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव ने कहा कि आरबीआई द्वारा प्रमुख नीतिगत दरों को बनाए रखने का निर्णय वर्तमान व्यापक आर्थिक स्थितियों और भविष्य के दृष्टिकोण का आकलन दर्शाता है।

Real Estate - India TV Paisa Image Source : FILE रियल एस्टेट

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार दसवीं बार आज रेपो रेट में बदलाव नहीं किया। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। हालांकि, आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आने वाले समय में ब्याज दरों में कटौती के संकेत जरूर दिए। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रियल एस्टेट सेक्टर ने खुशी जाहिर की है। रियल एस्टेट डेवलपर्स का कहना है कि आरबीआई ने अपने स्‍टांस को न्‍यूट्रल रखा है। इसके बाद माना जा सकता है कि वैश्‍विक हालात को देखते हुए अगली मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक में दरों को कम किया जा सकता है। वहीं, आरबीआई ने भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती बने रहने की बात कही है। इससे घर खरीदारों का भरोसा बढ़ेगा जो प्रॉपर्टी की बिक्री बढ़ाएगा। आइए जानते हैं कि आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी पर रियल्टी सेक्टर ने क्या प्रतिक्रिया दी है। 

महंगाई को काबू करने के लिए सही फैसला

अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव ने कहा कि आरबीआई द्वारा प्रमुख नीतिगत दरों को बनाए रखने का निर्णय वर्तमान व्यापक आर्थिक स्थितियों और भविष्य के दृष्टिकोण का आकलन दर्शाता है। रेपो रेट को 6.5% पर जारी रखना स्थिरता सुनिश्चित करता है, भविष्य के महंगाई संबंधी आंकड़ों के आधार पर दर समायोजन की संभावना रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत है। हालांकि, महंगाई पर आरबीआई का सतर्क दृष्टिकोण, यह दर्शाता है कि नरमी धीमी होगी। वित्त वर्ष 25 के लिए 7.2% की अनुमानित जीडीपी वृद्धि आशाजनक है, जो एक मजबूत आर्थिक तेजी का संकेत देती है जो रियल एस्टेट की मांग को और बढ़ाएगी। कुल मिलाकर, नीतिगत रुख सही दिशा में एक कदम है, जो महंगाई को नियंत्रण में रखते हुए आर्थिक विकास का समर्थन करने वाले संतुलित दृष्टिकोण को सुनिश्चित करता है।

प्रदीप अग्रवाल, फाउंडर और चेयरमैन , सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड का कहना है, "आरबीआई ने उम्मीदों के मुताबिक यथास्थिति बनाए रखने का फैसला किया है, क्योंकि मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखने के लिए यह महत्वपूर्ण है। हालांकि यूएस फेड  की हालिया रेट कट  ने भारत में उम्मीदें जगाई हैं, लेकिन हमारे केंद्रीय बैंक का मुद्रास्फीति नियंत्रण पर ध्यान स्पष्ट है। यह नीति स्थिरता एक उपयुक्त समय पर आती है क्योंकि फेस्टिवल  सीजन रियल एस्टेट की मांग को बढ़ाता है। भविष्य में जब आने वाली तिमाहियों में दर में कटौती होगी, तो इससे दोनों घरों को लाभ होगा।" रहेजा डेवलपर्स के नयन रहेजा कहते हैं, "रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक बार फिर रेपो रेट को स्थिर रखते हुए विकास की गति को बनाए रखा है। इसके साथ ही अपने रुख को न्‍यूट्रल बताकर साफ कर दिया है कि आने वाले समय में रेपो रेट में कमी आएगी। आगामी त्योहारों के सीज़न को ध्यान में रखते हुए, इस स्थिरता से कर्ज़ की ब्‍याज दरों का बोझ नहीं बढ़ेगा, जिससे रियल एस्टेट परियोजनाओं में लोगों की रुचि बढ़ेगी। एक साल से अधिक समय से रेपो रेट में कोई बदलाव न होने के कारण, खरीदार अब बढ़ती ऋण ब्याज दरों के डर के बिना प्रॉपर्टी में निवेश जारी रख सकते हैं। रियल एस्टेट की कीमतों में उतार-चढ़ाव को देखते हुए, आरबीआई के स्थिर रुख से उद्योग को एक महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।"

दसवीं बार रेपो रेट को 6.5% पर

संदीप छिल्लर, फाउंडर और चेयरमैन, लैंडमार्क ग्रुप के अनुसार बाजार की सकारात्मक स्थिति में, लगातार दसवीं बार रेपो रेट को 6.5% पर बनाए रखना रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक बड़ा समर्थन है। इस समय आवासीय क्षेत्र में मांग अपने उच्चतम स्तर पर है, और त्योहारों के मौसम में हम उम्मीद कर रहे हैं कि हाउसिंग बिक्री के नए रिकॉर्ड बनेंगे। लोन रेट स्थिर रहने से संभावित घर खरीदारों की संख्या बढ़ेगी, जिससे यह सेक्टर लगातार आगे बढ़ेगा और नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगा। संजीव अरोड़ा, डायरेक्टर 360 रियलटर्स कहते हैं पिछले कुछ महीनों से रियल एस्टेट सेक्टर आरबीआई के रेपो रेट को 6.5% पर बनाए रखने के फैसले पर उत्सुकता से नज़र रख रहा है। पोटेंटाइल बायर्स  स्टेब्लिटी के परिणामस्वरूप अधिक आश्वस्त और उत्साहित महसूस कर रहे हैं, जो रेजिडेंशियल और कमर्शियल सेक्टर में इन्वेस्टमेंट को प्रोत्साहित कर रहा है - खासकर जब त्यौहार नज़दीक आ रहे हैं।

हाउसिंग मार्केट पर सकारात्मक असर पड़ेगा

कुशाग्र अंसल, निदेशक, अंसल हाउसिंग का कहना है रेपो रेट को स्थिर रखने के आरबीआई के फैसले से हाउसिंग मार्केट पर सकारात्मक असर पड़ेगा। यद्यपि आवास की लागत बढ़ रही है, स्थिर गृह ऋण दरें संभावित खरीदारों को बहुत जरूरी राहत प्रदान करती हैं। यह स्थिरता उपभोक्ता विश्वास को बढ़ाकर और क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करके खरीदारों और डेवलपर्स दोनों को लाभान्वित करती है। आरबीआई के फैसले से नई परियोजनाओं की शुरूआत और रुचि के उभरते क्षेत्रों में विस्तार को बढ़ावा मिलने की भी उम्मीद है। ट्रेवॉक के मैनेजिंग डायरेक्टर, गुरपाल सिंह चावला का कहना है कि आरबीआई का रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला बहुत अच्छा है, खासकर जब हम त्योहारों के समय में हैं। यह स्थिरता न सिर्फ घर खरीदने वालों का भरोसा बढ़ाती है, बल्कि बैंकों के लिए भी अच्छे लोन विकल्प देने का मौका देती है, जिससे इस शुभ समय में घर खरीदना और भी आसान हो जाता है।

भविष्य में दरों में कटौती की उम्मीद

क्रेडाई के अध्यक्ष और गौर ग्रुप के सीएमडी मनोज गौड़ ने कहा, "आरबीआई द्वारा रेपो दर पर यथास्थिति बनाए रखने की घोषणा से बाजार, खरीदारों के साथ-साथ रियल एस्टेट डेवलपर्स दोनों में उत्साह बढ़ेगा। यह निर्णय न केवल भारत की अर्थव्यवस्था में स्थिरता का संकेत देता है। इसके साथ ही आरबीआई ने संकेत दे दिए हैं कि आने वाले समय में रेट कम हो सकती हैं और होम बायर्स को राहत मिल सकती है। हालांकि, किफायती आवास क्षेत्र अभी भी चिंता का एक क्षेत्र है, और हमें उम्मीद है कि आरबीआई इसकी चिंताओं पर ध्यान देगा।" काउंटी ग्रुप के डायरेक्टर अमित मोदी का कहना है कि आरबीआई का रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला बहुत महत्वपूर्ण है, खासकर पहली बार घर खरीदने वालों के लिए, जो त्योहारों के मौसम में अच्छे ऑफर्स का इंतज़ार कर रहे हैं। इसके साथ ही पॉलिसी के रुख को न्‍यूट्रल करने से आने वाले समय में रेट कट के संकेत मिलना रियल एस्‍टेट सेक्‍टर को मजबूती दे रहा है। वर्तमान भू-राजनीतिक परिस्थिति और देश की मजबूत आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए, यह फैसला स्थिरता और विकास का संकेत देता है। यह बाजार को गति देगा और घर खरीदना सस्ता बनाएगा, साथ ही आरबीआई की इस स्थिति से हमें भविष्य में दरों में कटौती की उम्मीद भी है।

त्‍योहारों के दौरान खरीदारी को बल मिलेगा

एसकेए ग्रुप के डायरेक्‍टर संजय शर्मा का कहना है कि आरबीआई ने फेस्टिव सीजन में रेपो रेट को 6.50% पर स्थिर रखकर बायर्स की उम्मीदों को एक बार फिर संतुष्ट किया है। इससे न केवल संभावित खरीदारों के लिए ब्याज दरें स्थिर होंगी बल्कि त्‍योहारों के दौरान खरीदारी को भी बल मिलेगा। यह आरबीआई का स्वागत योग्य कदम है और हम आशा करते हैं कि रियल एस्टेट सेक्टर जिस तेजी से आगे बढ़ रहा है, वह जारी रहेगा। यह निर्णय बायर्स और डेवलपर्स दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा। वहीं, आरबीआई ने संकेत दिया है कि आने वाले समय में रेट में कटौती हो सकती है जो सेक्‍टर के लिए सकारात्‍मक कदम है। मिग्‍सन ग्रुप के एमडी यश मिगलानी के अनुसार रियल्टी सेक्टर का डेवलपमेंट पॉजिटिव बना हुआ है, कंजम्पशन बढ़ रही है, और अधिक से अधिक लोग मिड, प्रीमियम और लक्जरी रेजिडेंशियल सेगमेंट में इन्वेस्ट कर रहे हैं। फेस्टिव सीजन की शुरुआत के साथ ही इसमें ओर तेजी आई है। अब आरबीआई द्वारा रेपो रेट को अनचेंज्ड रखकर गति को और बढ़ाने का निर्णय रियल एस्‍टेट सेक्टर को मोटीवेट करेगा क्योंकि इससे खरीदारों को कुछ राहत भी मिलेगी क्योंकि उनकी ईएमआई नहीं बढ़ेगी। साथ ही भविष्‍य में रेट कट की संभावनाओं से बाजार में और तेजी आएगी।

बायर्स और डेवलपर्स दोनों को लाभान्वित होंगे 

रॉयल एस्‍टेट ग्रुप के एग्‍जीक्‍यूटिव डायरेक्‍टर पीयूष कंसल के अनुसार रेपो रेट को 6.5% पर बनाए रखने के आरबीआई के फैसले से हाउसिंग मार्किट में अनुकूल तेजी की उम्मीद है। नवरात्र और दीवाली समेत पूरे फेस्टिव सीजन में अन चेंज्ड होम लोन दरें संभावित होम बायर्स को कुछ राहत प्रदान करेंगी। नतीजतन, स्टेबल इंटरेस्ट रेट बायर्स और डेवलपर्स दोनों को लाभान्वित करेंगी, जिससे सेक्टर में कॉन्फिडेंस और इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा मिलेगा। आरबीआई ने घोषणा की है कि उसका रुख अब न्‍यूट्रल है, जिसके चलते भविष्‍य में रेट कम होने की उम्‍मीद है। इससे होम बायर्स को और लाभ होगा। स्‍पेक्‍ट्रम मेट्रो के वाइस प्रेजीडेंट सेल्‍स व मार्केटिंग RBI ने इस बार भी रेपो रेट को 6.5% पर बरकरार रखा है और अपने रुख को न्‍यूट्रल रखकर भविष्‍य में रेट कट के संकेत दे दिए हैं। केंद्रीय एजेंसी ने मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया है। हालांकि, हमारी राय में एजेंसी 25 आधार अंकों तक दर को संशोधित करने पर विचार कर सकती थी, क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था को और मदद मिलती। भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 25 में 7% की दर से बढ़ने की उम्मीद है, जो इसे ऐसे समय में सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक बनाती है, जहां वैश्विक स्तर पर विकास ज्यादातर सुस्त है। हालांकि आरबीआई का यह निर्णय फेस्टिव सीजन में कमर्शियल और रेजीडेंशियल दोनों रियल एस्‍टेट मार्केट को सपोर्ट करेगा।

देश की अर्थव्यवस्था में स्थिरता को दर्शाता 

तिरस्या एस्टेट्स के संस्थापक और प्रबंध निदेशक रवींद्र गांधी ने कहा, "आरबीआई द्वारा रेपो दर को अपरिवर्तित रखने और अपने रुख को तटस्थ करने का निर्णय रियल एस्टेट बाजार के लिए एक उत्साहजनक खबर है, जिससे खरीदारों और डेवलपर्स दोनों को लाभ होगा। यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब इस क्षेत्र में नई ऊर्जा का अनुभव हो रहा है, नए क्षेत्रों में विस्तार हो रहा है और अपनी पेशकशों को बढ़ा रहा है। यह भारत की अर्थव्यवस्था में स्थिरता को दर्शाता है, खासकर वैश्विक चुनौतियों के बीच। यह यथास्थिति भविष्य में संभावित दरों में कटौती का मार्ग भी प्रशस्त कर सकती है, जिससे मार्केट का रुख सकारात्‍मक होगा। हालांकि, हम किफायती आवास क्षेत्र के बारे में चिंतित हैं और उम्मीद करते हैं कि आरबीआई आगामी समीक्षाओं में इसकी चुनौतियों का समाधान करेगा।" सनड्रीम ग्रुप के सीईओ हर्ष गुप्‍ता के अनुसार आरबीआई ने रेपो रेट को स्थिर रखकर एक बार फिर बेहद अच्छी पहल की है, क्‍योंकि फेस्टिव सीजन में जहां कमर्शियल रियल एस्‍टेट में अच्‍छी खरीदारी हो रही है, वहीं यह निर्णय बायर्स और विश्‍वास देगा। स्थिर रेपो रेट होम बायर्स के लिए विश्वसनीयता और आत्मविश्वास प्रदान करती है। इस स्थिरता का रियल एस्टेट सेक्टर के विकास पर सीधा प्रभाव पड़ता है, जो बदले में भारत की जीडीपी और भविष्य की विकास संभावनाओं में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

उभरते क्षेत्रों में विकास का विस्तार होगा

अजेंद्र सिंह, स्‍पेक्‍ट्रम मेट्रो, वाइस प्रेजीडेंट (सेल्‍स एंड मार्केटिंग) का कहना है कि कि नई सरकार के गठन के बीच रेपो रेट 6.50% पर बनाए रखने के आरबीआई के फैसले से रियल एस्‍टेट सेक्‍टर में सराहनीय उछाल की उम्मीद है। आवास की कीमतों में वृद्धि के बीच, स्थिर होम लोन दरों से घर खरीदारों को कुछ राहत मिलेगी। इसके अलावा, अपरिवर्तित ब्याज दरों से खरीदारों और डेवलपर्स को लाभ होगा, जिससे क्षेत्र में मजबूत उपभोक्ता विश्वास और निवेश स्थापित होगा। रेपो रेट को स्थिर रखने के आरबीआई के फैसले से नई परियोजनाएं स्थापित होंगी और उभरते क्षेत्रों में विकास का विस्तार होगा। संजीव अरोड़ा, डायरेक्टर 360 रियलटर्स के अनुसार पिछले कुछ महीनों से रियल एस्टेट सेक्टर आरबीआई के रेपो रेट को 6.5% पर बनाए रखने के फैसले पर उत्सुकता से नज़र रख रहा है। पोटेंटाइल बायर्स  स्टेब्लिटी के परिणामस्वरूप अधिक आश्वस्त और उत्साहित महसूस कर रहे हैं, जो रेजिडेंशियल और कमर्शियल सेक्टर में इन्वेस्टमेंट को प्रोत्साहित कर रहा है - खासकर जब त्यौहार नज़दीक आ रहे हैं।

हाउसिंग बिक्री के नए रिकॉर्ड बनेंगे

संदीप छिल्लर, फाउंडर और चेयरमैन, लैंडमार्क ग्रुप के अनुसार बाजार की सकारात्मक स्थिति में, लगातार दसवीं बार रेपो रेट को 6.5% पर बनाए रखना रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक बड़ा समर्थन है। इस समय आवासीय क्षेत्र में मांग अपने उच्चतम स्तर पर है, और त्योहारों के मौसम में हम उम्मीद कर रहे हैं कि हाउसिंग बिक्री के नए रिकॉर्ड बनेंगे। लोन रेट स्थिर रहने से संभावित घर खरीदारों की संख्या बढ़ेगी, जिससे यह सेक्टर लगातार आगे बढ़ेगा और नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगा। एचसीबीएस डेवलपमेंट्स के ग्रुप मैनेजिंग डायरेक्टर, सौरभ सहारन कहते हैं कि आरबीआई द्वारा रेपो रेट को 6.5% पर स्थिर रखना सेक्टर के लिए सही फैसला है। इससे बिक्री बढ़ेगी, जो भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद होगा। यह संभावित खरीदारों के लिए वित्तीय दबाव को भी कम करेगा। पिछले कुछ सालों में सेक्टर अच्छा कर रहा है, और यह फैसला डेवलपर्स को नई जरूरतों के हिसाब से प्रोजेक्ट बनाने में मदद करेगा।

ईएमआई की स्थिरता सुनिश्चित होगी

क्रिसुमी कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक, मोहित जैन ने आरबीआई के फैसले का स्वागत करते हुये कहा, ब्याज दरों को दसवीं बार अपरिवर्तित रखने का केंद्रीय बैंक का निर्णय अपेक्षित था। जबकि रियल एस्टेट उद्योग ब्याज दरों में कमी की उम्मीद कर रहा था, लेकिन यथास्थिति भी उद्योग के लिए अगला सर्वश्रेष्ठ परिणाम है। स्थिर दरों से ईएमआई की स्थिरता सुनिश्चित होती है, जिससे घर खरीदारों को अपनी खरीद की योजना बनाने का आत्मविश्वास मिलता है। इसके अलावा, आने वाले महीनों में संभावित दर कटौती की उम्मीद भी रियल एस्टेट बाजार में आशावाद बढ़ा रही है और हमें उम्मीद है कि अगले कुछ वर्षों में मांग की मजबूती बनी रहेगी। अनंतराम वरयुर, मनसुम होम्स सीनियर लिविंग के सह-संस्थापक ने कहा कि आरबीआई की हालिया घोषणा अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक विकास है, खासकर वरिष्ठ नागरिकों के जीवन और रियल एस्टेट के लिए। दसवीं बार बेंचमार्क रेपो दर को 6.5% पर स्थिर रखकर और अपने रुख को 'तटस्थ' में बदलकर, आरबीआई का लक्ष्य मुद्रास्फीति और आर्थिक विकास को संतुलित करना है, जिससे इन क्षेत्रों को बहुत आवश्यक सहायता प्रदान की जा सके।

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