मोदी सरकार के बजट से रियल स्टेट सेक्टर खुश, कहा-घर खरीदारों को होगा फायदा और प्रॉपर्टी बाजार में आएगी तेजी
वित्त मंत्री द्वारा कुछ घोषणाएं, जैसे कि आयकर छूट की सीमा 7 लाख रुपये, राज्यों पर ध्यान केंद्रित करने से विकास की रफ्तार तेज होगी जिसका फायदा रियल एस्टेट सेक्टर को मिलेगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट पेश कर दिया है। बजट में प्रत्येक वर्ग और हर सेक्टर को ध्यान में रखकर घोषणाएं की गई है। आम लोगों को राहत देते हुए कर मुक्त आय की छूट सीमा 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया। इससे आम लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा आएगा। इसके साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर में बजट आवंटन 33 फीसदी बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए किया गया ये बजटीय आवंटन 2019-20 के मुकाबले 3 गुना है। इसका फायदा रियल एस्टेट सेक्टर को मिलेगा। पीएमएवाई (PMAY) के तहत 79,000 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है। इससे किफायती आवास को प्रोत्साहन मिलेगा और घर खरीदारों के एक बड़े वर्ग को काफी फायदा मिलेगा। रियल एस्टेट सेक्टर को लेकर की गई घोषणाओं पर इंडिया टीवी ने रियल्टी कंपनी अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव से बातचीत की और जानना चाहा कि प्रॉपर्टी बाजार के लिए बजट कैसा है? इससे घर खरीदारों और रियल्टी सेक्टर के लिए क्या खास है? की गई घोषणाओं का क्या फायदा मिलेगा? पेश है मुख्य अंश-
बड़े के साथ छोटे शहरों पर दिया गया जोर
इस साल के बजट में न केवल महानगरों में बल्कि टियर-II और टियर- III शहरों के साथ पूरी तरह बुनियादी विकास पर जोर दिया गया है। सरकार ने इस बजट में शहरी बुनियादी ढांचे को बेहतर करने के लिए 10,000 लाख करोड़ रुपये सालाना खर्च करने क ऐलान किया है। इससे शहरों में विकास को बढ़ावा मिलेगा। इसका सीधा फायदा रेजिडेंशियल और कमर्शियल दोनों ही सेक्टर को मिलेगा। पूंजी निवेश परिव्यय में 33% की वृद्धि भी प्रसंशनीय कदम है। इस कदम से शहरीकरण की रफ्तार तेज होगी। इससे लोगों की बेहतर लाइफ स्टाइल मुहैया कराने में मदद मिलेगी। ये सब छोटे शहरों में घर की मांग बढ़ाने में मदद करेंगे।
आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा यह बजट
यह बजट आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाला है। बजट में आयकर छूट की सीमा को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया है। इससे आम लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा आएगा। वो बचत के पैसे को अपनी जरूरत पर खर्च करेंगे। इससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही अधिकतम आयकर दर 39% और उच्चतम अधिभार को 37% से घटाकर 25% किया गया है। यह हाई नेटवर्थ इनकम वाले लोगों को राहत मिलेगी। इसका भी फायदा रियल्टी सेक्टर को मिलेगा।
रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
इस बजट को पापुलर बजट नहीं कहा जा सकता है। सरकार ने बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर देकर बुनियादी ढांचा मजबूत करने की कोशिश की है। इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा दिए जाने से रोजगार के साधन बढ़ेंगे। इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाया है। इससे भी रोजगार बढ़ेगा। रियल एस्टेट सेक्टर से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ी करीब 200 इंडस्ट्री को फायदा जरूर मिलेगा। वित्त मंत्री ने बजट में ऐलान किया कि ट्रांसपोर्ट इंफ्रा प्रोजेक्ट पर करीब 75,000 करोड़ का निवेश किया जाएगा। 50 और नए एयरपोर्ट्स, हेलीपोर्ट्स, एयरोड्रम बनेंगे। रेलवे के लिए करीब 2.4 लाख करोड़ का आवंटन किया है। सरकार ने कैपेक्स की रकम करीब 13.7 लाख करोड़ होगा। ये सारे कदम रियल एस्टेट सेक्टर को फायदा देंगे। साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ाएंगे।
ज्यादा वित्तीय सहायता की जरूरत थी
इस साल के बजट में कुछ ठोस घोषणाओं जैसे उद्योग का दर्जा और डेवलपर्स के लिए जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट की उम्मीद की थी, मगर वो पूरी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि, शहरी क्षमता के विकास, निर्माण, योजना इम्प्लीमेंटेशन के लिए सरकार द्वारा गठित योजनाकारों की उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों के लिए भी जरूरत है। हालांकि, कोरोना महामारी के चुनौतीपूर्ण वर्ष के बाद, रोजगार पैदा करने वाले उद्योगों को मजबूत करने के लिए संसाधनों को अलॉट करना महत्वपूर्ण था, जिसे सरकार ने पूरा करने का प्रयास किया है।