देश के आठ प्रमुख शहरों में हाई डिमांड के बावजूद जनवरी-मार्च में आवासीय संपत्तियों की नई इकाइयों यानी नए घरों की सप्लाई 15 प्रतिशत गिरकर 69,143 यूनिट रह गई। रियल एस्टेट सलाहकार कुशमैन एंड वेकफील्ड ने आठ प्रमुख शहरों की प्राथमिक (पहली बिक्री) में नई आवासीय संपत्तियों की आपूर्ति से जुड़े आंकड़े शुक्रवार को जारी किए। आंकड़ों के मुताबिक, नई यूनिट्स की आपूर्ति बेंगलुरु और मुंबई में बढ़ी, लेकिन दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), चेन्नई, हैदराबाद, पुणे, कोलकाता तथा अहमदाबाद में इसमें गिरावट आई।
हाई-एंड एंड लग्जरी’ खंड की हिस्सेदारी 34 प्रतिशत
खबर के मुताबिक, इस तिमाही (जनवरी-मार्च) में आवासीय संपत्तियों की कुल सप्लाई में ‘हाई-एंड एंड लग्जरी’ खंड की हिस्सेदारी 34 प्रतिशत रही। चालू तिमाही में कुल पेशकश में लिस्टेड, बड़े और क्षेत्रीय रूप से प्रतिष्ठित डेवलपर्स की हिस्सेदारी 38 प्रतिशत से ज्यादा रही। आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी-मार्च 2024 में आवासीय संपत्तियों की नई सप्लाई एक साल पहले की समान अवधि में 81,167 यूनिट से घटकर इस साल 69,143 यूनिट रह गई।
कुशमैन एंड वेकफील्ड के प्रबंध निदेशक (आवासीय सेवाएं) शालीन रैना ने कहा कि पिछले एक वर्ष में ‘हाई-एंड एंड लग्जरी’ संपत्तियों की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यह बदलाव मकान खरीदने वालों की हाई क्वालिटी वाली संपत्ति के रूप में निवेश करने की बढ़ती इच्छा में बदलाव और उनकी जीवन शैली की आकांक्षाओं को दर्शाता है।
घरों की कीमतों में बढ़ोतरी
हाल के एक रिपोर्ट में यह सामने आया है कि देश के आठ प्रमुख शहरों में घरों की मांग बढ़ने से पिछले दो सालों में घरों की कीमतों में औसतन 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इन आठ शहरों में अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (एमएमआर) और पुणे शामिल हैं। बेंगलुरु, दिल्ली-एनसीआर और कोलकाता में 2021 के स्तर की तुलना में 2023 में घरों की औसत कीमतों में सर्वाधिक 30 प्रतिशत की औसत वृद्धि देखी गई है।
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