भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) आज रेपो रेट पर फैसला करेगी। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली एमपीसी के फैसले की घोषणा शुक्रवार यानी आज की जाएगी। ऐसी उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक एक बार फिर प्रमुख नीतिगत दर रेपो को यथावत रखेगा और महंगाई नियंत्रण पर अपना ध्यान बनाए रखेगा। आर्थिक वृद्धि दर को लेकर चिंताएं कम होने से खुदरा महंगाई पर ही ध्यान रहने की उम्मीद है। अगर ऐसा होता है तो होम, कार लोन समेत तमाम लोन की ईएमआई पर राहत की उम्मीद कर रहे लोगों को मायूसी हाथ लगेगी क्योंकि उनकी EMI कम नहीं होगी। रेपो रेट में कटौती नहीं करने से बैंक ब्याज दरों में कोई कमी नहीं करेंगे।
छह बार से रेपो रेट में बदलाव नहीं
आपको बता दें कि आपको बता दें कि आरबीआई ने छह मौद्रिक नीति समीक्षाओं में रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया है। अंतिम बार फरवरी, 2023 में रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया गया था। उस समय से रेपो रेट स्थिर बना हुआ है। सरकार ने आरबीआई को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत की घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर बनी रहे। फरवरी के महीने में खुदरा मुद्रास्फीति दर 5.1 प्रतिशत थी।
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर आरबीआई की नजर
विशेषज्ञों ने कहा कि एमपीसी बैठक में अमेरिका और ब्रिटेन जैसी कुछ प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के केंद्रीय बैंकों के रुख पर तवज्जो दी जा सकती है। ये केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कटौती को लेकर फिलहाल ‘देखो और इंतजार करने’ की स्थिति में हैं। स्विट्जरलैंड ब्याज दरों में कटौती करने वाली पहली बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, जबकि दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था जापान ने नकारात्मक ब्याज दरों का सिलसिला हाल ही में खत्म कर दिया है। सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि मौद्रिक नीति में उदार रुख को वापस लेना जारी रह सकता है। इसमें चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जाकर पहली दर में कटौती की संभावना जताई गई है।
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