A
Hindi News पैसा बिज़नेस भारतीय मुद्रा को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाएगी सरकार, होगी देश के बाहर रुपया अकाउंट खोलने की परमिशन

भारतीय मुद्रा को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाएगी सरकार, होगी देश के बाहर रुपया अकाउंट खोलने की परमिशन

भारतीय रिजर्व बैंक का यह कदम घरेलू मुद्रा के अंतरराष्ट्रीय लेवल पर महत्वपूर्ण मुद्रा बनाने की रणनीतिक योजना का हिस्सा है। आरबीआई ने कहा कि उसने 2024-25 के लिए रणनीतिक कार्ययोजना को आखिरी रूप दे दिया है।

दुनियाभर में भारी उथल-पुथल के बीच भारतीय मुद्रा लगभग स्थिर बनी हुई है।- India TV Paisa Image Source : FREEPIK दुनियाभर में भारी उथल-पुथल के बीच भारतीय मुद्रा लगभग स्थिर बनी हुई है।

भारतीय मुद्रा को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने की कवायद और आगे बढ़ गई है। भारत का केंद्रीय बैंक यानी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बीते गुरुवार को कहा कि वह देश के बाहर रुपया खाता खोलने की परमिशन देगा। यह कदम घरेलू मुद्रा के अंतरराष्ट्रीय लेवल पर महत्वपूर्ण मुद्रा बनाने की रणनीतिक योजना का हिस्सा है। भाषा की खबर के मुताबिक, केंद्रीय बैंक ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा कि उभरते वृहद आर्थिक परिवेश के साथ फेमा (विदेशी विनिमय प्रबंधन कानून) परिचालन ढांचे के जुड़ाव पर जोर होगा। इसके साथ विभिन्न गाइडलाइंस को युक्तिसंगत बनाने पर ध्यान दिया जाएगा। आरबीआई ने कहा कि उसने 2024-25 के लिए रणनीतिक कार्ययोजना को आखिरी रूप दे दिया है।

भारत के बाहर रह रहे भारतीयों को मिलेगी सुविधा

खबर के मुताबिक, साथ ही बाह्य यानी विदेशों से वाणिज्यिक उधारी (ईसीबी) ढांचे को उदार बनाने और ईसीबी और व्यापार क्रेडिट रिपोर्टिंग और अनुमोदन (स्पेक्ट्रा) परियोजना के लिए सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म के फेज 1 को शुरू करने का कॉन्सेप्ट रखा है। रिपोर्ट के मुताबिक, आरबीआई घरेलू मुद्रा को वैश्विक स्तर पर मुख्य मुद्राओं में शामिल करने के लिए 2024-25 एजेंडा के हिस्से के रूप में भारत के बाहर रह रहे निवासी व्यक्तियों (पीआरओआई) को देश के बाहर रुपया खाता खोलने की अनुमति देगा।

आरबीआई का मकसद

आरबीआई के लेटेस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि विशेष खातों (विशेष अनिवासी रुपया-एसएनआरआर) और विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते (एसआरवीए) के जरिये भारतीय बैंकों के पीआरओआई को रुपये में उधार देना और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और पोर्टफोलियो निवेश को सक्षम बनाना मकसद है।

उदारीकृत प्रेषण योजना (एलआरएस) को तर्कसंगत बनाना और फेमा के तहत आईएफएससी (अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र) नियमों की समीक्षा भी चालू वित्त वर्ष के एजेंडा का हिस्सा है। आरबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थानीय मुद्राओं में द्विपक्षीय व्यापार के निपटान को सक्षम करने के लिए भारतीय रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण को बढ़ावा देने की दिशा में नियमों को तर्कसंगत बनाया गया है।

Latest Business News