RBI की मौद्रिक नीति समिति की रिव्यू मीटिंग शुरू, क्या ब्याज दर में होगी बढ़ोतरी? जानें क्या है संभावना
रूस-यूक्रेन युद्ध और उसके चलते ग्लोबल सप्लाई बाधित होने से महंगाई बढ़ने के कारण मई, 2022 से शुरू हुआ नीतिगत दर में बढ़ोतरी का सिलसिला एक तरह से थम गया।
ब्याज दरों की चर्चा एक बार फिर शुरू हो गई है। दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की मीटिंग बुधवार को शुरू हो गई है। तीन दिनों तक चलने वाली इस मीटिंग को लेकर माना जा रहा है कि एमपीसी इस बार भी नीतिगत दर रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगी। भाषा की खबर के मुताबिक, इसकी एक बड़ी वजह चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर का उम्मीद से ज्यादा होना और मुद्रास्फीति में नरमी का ट्रेंड भी है। आरबीआई ने पिछली चार मौद्रिक नीति समीक्षाओं में रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया। केंद्रीय बैंक ने आखिरी बार फरवरी में रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया गया था।
8 दिसंबर को समीक्षा में लिए फैसले की घोषणा
खबर के मुताबिक, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास छह सदस्यीय एमपीसी के फैसले की घोषणा 8 दिसंबर को करेंगे। एमपीसी से उम्मीदों को लेकर इक्रा की प्रमुख अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही में जीडीपी आंकड़ा मौद्रिक नीति समिति के पिछले अनुमान से ज्यादा रहा है। हालांकि, खाद्य महंगाई से जुड़े विभिन्न पहलुओं को लेकर चिंता बनी हुई है। इन सबको देखते हुए हमारा अनुमान है कि एमपीसी दिसंबर, 2023 की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर को यथावत रख सकती है। हालांकि, मौद्रिक नीति का रुख आक्रामक हो सकता है।
जीडीपी अनुमान को बढ़ा सकती है एमपीसी
डॉयशे बैंक रिसर्च के मुताबिक, आरबीआई 2023-24 के लिए सकल घरेलू उत्पाद के पूर्वानुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर सकता है जबकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के पूर्वानुमान को 5.4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखे जाने की संभावना है। उसने कहा कि उम्मीद है कि आरबीआई रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा। आरबीआई कैश की स्थिति को सख्त बनाए रख सकता है। आरबीआई यह सुनिश्चित करेगा कि अल्पकालिक दर 6.85-6.90 प्रतिशत के आसपास बनी रहे।
स्थिर ब्याज दर घर खरीदारों को करेगा आकर्षित
सरकार ने आरबीआई को खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी दी हुई है। अंसल हाउसिंग के निदेशक कुशाग्र अंसल ने कहा कि अपनी पिछली घोषणाओं में आरबीआई ने रेपो दरों को पहले के लेवल पर बनाए रखा है, जो रियल एस्टेट कंपनियों और खरीदारों के लिए सकारात्मक रुख का संकेत देता है। हम इस बैठक के बाद भी केंद्रीय बैंक की ओर से रेपो दर बरकरार रहने की उम्मीद कर रहे हैं। स्थिर ब्याज दर घर खरीदारों को रियल एस्टेट की ओर आकर्षित करेंगी।