RBI Policy: भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति का आप पर क्या असर, सिर्फ 1 मिनट में समझें
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक बार फिर रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बड़ी बढ़ोत्तरी की है। इसके बाद रेपो रेट 4.90 फीसदी पर पहुंच गई है।
RBI Policy: आरबीआई ने एक महीने में दूसरी बार रेपो रेट में बढ़ोत्तरी कर दी है। इस बार रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बड़ी बढ़ोत्तरी हुई है। पिछली वृद्धि को भी मिला लें तो दो बार में 90 बेसिस पॉइंट की बढ़ोत्तरी हुई है। इससे आपकी होम और कार लोन की ईएमआई बढ़ जाएगी। आपके लिए मुश्किल भरी बात यह है कि रिजर्व बैंक को अगली 3 तिमाही तक महंगाई घटने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है। रिजर्व बैंक ने आज कई बड़ी घोषणाएं की। आइए जानते हैं रिजर्व के निर्णयों को आसान बिंदुओं में।
- RBI ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.50 प्रतिशत बढ़ाकर 4.90 प्रतिशत किया
- रूस आर यूक्रेन के बीच युद्ध से भारत समेत दुनिया भर में महंगाई तेजी बढ़ी है
- भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है, रिजर्व बैंक वृद्धि को समर्थन करता रहेगा
- हम बढ़ी महंगाई को अपने लक्ष्य के दायरे में लाने के लिए कदम उठा रहे हैं
- महंगाई दर चालू वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में 6 प्रतिशत से ऊपर संभव
- शहरी मांग सुधर रही है। ग्रामीण मांग में भी धीरे-धीरे सुधार आ रहा है
- रेपो दर अब भी महामारी-पूर्व के स्तर से नीचे है
- अर्थव्यवस्था में तरलता बढ़ाने के लिए आरबीआई काम करेगा
- सामान्य मानसून, सरकार द्वारा किए गए उपायों से महंगाई नीचे आएगी
- वित्त वर्ष 2023 में महंगाई दर 6.7 फीसदी पर संभव
- रुपये की स्थिति दुनिया के दूसरे इमर्जिंग मार्केट से बेहतर
- एक्सपोर्ट के मोर्चे पर भारत का प्रदर्शन बेहतर
- ग्रामीण को-ऑपरेटिव बैंक भी रियल एस्टेट सेक्टर को दे सकेंगे लोन
- महंगाई के ऊपर जाने का जोखिम बना हुआ है। हाल में टमाटर और कच्चे तेल के दामों में उछाल से मुद्रास्फीति बढ़ी है
- रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए 7.2 प्रतिशत की वृद्धि दर के अपने अनुमान को कायम रखा
- आरबीआई व्यवस्थित रूप से सरकारी के उधारी कार्यक्रम पर ध्यान दे रहा है
- रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत किया। पहले मुद्रास्फीति 5.7 प्रतिशत के स्तर पर रहने का अनुमान लगाया गया था।