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RBI Policy: महंगाई का मर्ज तलाशने में जुटा RBI, रेपो रेट को लेकर आज कर सकता है बड़ा ऐलान

RBI Policy: रिजर्व बैंक की हर दूसरे महीने होने वाली मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी यानि एमपीसी (MPC) की बैठक आज 28 सितंबर से शुरू हो गई है। यह बैठक 30 सितंबर तक चलेगी। इस बैठक में रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के सामने सबसे बड़ा प्रश्न महंगाई को काबू में लाना है।

महंगाई का मर्ज तलाशने...- India TV Paisa Image Source : PTI महंगाई का मर्ज तलाशने में जुटा RBI

Highlights

  • यह बैठक 30 सितंबर तक चलेगी
  • RBI के सामने सबसे बड़ा प्रश्न महंगाई को काबू में लाना है
  • मई से 1.4 प्रतिशत बढ़ चुका है रेपो रेट

RBI Policy: यदि आपने होम और कार लोन ले रखा है या फिर कार या मकान खरीदने जा रहे हैं तो आज का दिन आपके लिए अहम फैसले वाला हो सकता है। रिजर्व बैंक की हर दूसरे महीने होने वाली मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी यानि एमपीसी (MPC) की बैठक के नतीजों की घोषणा आज होगी। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास 10 बजे ब्याज दरों की घोषणा करेंगे। इस बैठक में रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के सामने सबसे बड़ा प्रश्न महंगाई को काबू में लाना है। महंगाई के मर्ज का इलाज क्या है? होम और कार लोन ले चुके लोग रिजर्व बैंक से यही सवाल पूछ रहे हैं। आम लोग चाहें जो भी दलील दें, लेकिन यह तय माना जा रहा है कि रिजर्व बैंक महंगाई रोकने के उपाय के रूप में लगातार चौथी बार रेपो रेट (Repo Rate) बढ़ाने की तैयारी कर चुका है। 

मई से 1.4 प्रतिशत बढ़ चुका है रेपो रेट 

आरबीआई ने महंगाई को काबू में करने के लिए रेपो दर में मई से अबतक 1.40 प्रतिशत की वृद्धि की है। इस दौरान रेपो दर चार प्रतिशत से बढ़कर 5.40 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है। विशेषज्ञों के अनुसार मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) 30 सितंबर को रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि का फैसला कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो रेपो दर बढ़कर 5.90 प्रतिशत हो जाएगी। 

थम नहीं रही महंगाई 

रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने का असर फिलहाल महंगाई पर होता नहीं दिख रहा है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति में मई से नरमी आने लगी थी, लेकिन यह अगस्त में सात प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई। आरबीआई अपनी द्विवार्षिक मौद्रिक नीति बनाते वक्त खुदरा महंगाई पर गौर करता है। आरबीआई के गवर्नर की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन की बैठक बुधवार को शुरू होगी और दरों में परिवर्तन पर जो भी निर्णय होगा उसकी जानकारी शुक्रवार 30 सितंबर को दी जाएगी। 

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

बैंक ऑफ बड़ौदा में मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस: मुद्रास्फीति सात प्रतिशत के लगभग बनी रहने वाली है और ऐसे में दरों में वृद्धि होना तय है। रेपो दर में 0.25 से 0.35 फीसदी की वृद्धि का मतलब है कि आरबीआई को यह भरोसा है कि मुद्रास्फीति का सबसे खराब दौर बीत चुका है। वहीं विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में हाल के घटनाक्रमों को देखते हुए दरों में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि भी की जा सकती है। आरबीआई का काम यह सुनिश्चित करना है कि खुदरा मुद्रास्फीति चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) पर बनी रहे। 

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