RBI policy:भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति बुधवार को ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बारे में जानकारी देगी। माना जा रहा है कि आसमान छूती महंगाई को देखते हुए आरबीआई एक बार फिर ब्याज दरों में 0.35 प्रतिशत से 0.40 प्रतिशत की एक और वृद्धि कर सकता है। वहीं, अगस्त तक प्रमुख नीतिगत दरों में 75 आधार अंकों तक की वृद्धि कर सकता है। यानी बैंक से लोन लेना महंगा होगा। इसका खामियाजा लोन की ईएमआई पर पड़ेगा। आइए, जानते हैं कि होम, कार समेत दूसरे लोन पर अगले तीन महीने में कितनी ब्याज दरें बढ़ी सकती है।
ब्याज दरों में कितनी बढ़ोतरी संभव
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तीन बैंकों से लोन लेना हुआ महंगा
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति नतीजों के बारे में बुधवार को जानकारी देगी, लेकिन उससे पहले ही तीन बैंकों ने मंगलवार से ब्याज दरें बढ़ा दी हैं। केनरा बैंक (Canara Bank), एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) और करुर वैश्य बैंक (Karur vysya Bank) ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी किया है। केनरा बैंक ने MCLR में 0.05 फीसदी का इजाफा किया है। वहीं,करुर वैश्य बैंक ने बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट्स (BPLR) को 0.40 फीसदी बढ़ाया है। HDFC ने भी अपने MCLR में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी की है। यानी इन बैंकों से कर्ज लेना महंगा हो गया है।
महंगाई ने बिगाड़ा आरबीआई का खेल
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि मुद्रास्फीति के अप्रैल में आठ साल के शीर्ष स्तर पर पहुंच जाने के बाद रिजर्व बैंक बुधवार को रेपो दर में 0.40 प्रतिशत से भी ज्यादा की बढ़ोतरी कर सकता है। आरबीआई का मुद्रास्फीति के लिए संतोषजनक स्तर छह प्रतिशत का है लेकिन अब यह आठ प्रतिशत के आसपास पहुंच गई है। मुद्रास्फीति में इस बढ़ोतरी के लिए जिंसों एवं ईंधन के दामों में हुई वृद्धि को जिम्मेदार माना जा रहा है। थोक-मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 13 माह से दहाई अंक में बनी हुई है और अप्रैल, 2022 में यह रिकॉर्ड 15.08 प्रतिशत पर पहुंच गई। ऐसे हालात में केंद्रीय बैंक के पास ब्याज दर बढ़ाने के मोर्चे पर विकल्प बहुत सीमित ही रह गए हैं।
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