मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक ने नियामकीय अनुपालन में खामियों को लेकर चार सहकारी बैंकों पर कुल चार लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। केंद्रीय बैंक की ओर से जारी चार अलग-अलग बयानों के अनुसार, यह जुर्माना अनुपालन की खामियों के लिए लगाया गया है। इसका मकसद बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल खड़ा करना नहीं है।
रिजर्व बैंक ने महाराष्ट्र के अंदरसुल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर डेढ़ लाख रुपये तथा महाराष्ट्र के अहमदपुर स्थित महेश अर्बन कोऑपरेटिव बैंक पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। महाराष्ट्र के नांदेड़ स्थि नांदेड़ मर्चेंट कोऑपरेटिव बैंक पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा मध्य प्रदेश के शहडोल में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
22 NBFC ने पंजीकरण प्रमाणपत्र ‘सरेंडर’ किए
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को कहा कि बीएनपी परिबा इंडिया फाइनेंस, स्विस लीजिंग एंड फाइनेंस और अवेलेबल फाइनेंस समेत 22 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) ने अपने पंजीकरण प्रमाणपत्र ‘सरेंडर’ कर दिए हैं। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने इन एनबीएफसी पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर) रद्द कर दिया है। आरबीआई ने एक बयान में कहा कि सीओआर रद्द होने से ये 22 संस्थाएं गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) के रूप में कारोबार नहीं कर सकेंगी।
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