अक्सर ऐसा देखा जाता है कि बैंकों की ओर से किसी व्यक्ति के लोन बकाया से जुड़ी गलत जाकारी क्रेडिट रिपोर्ट में अपडेट कर दी जाती है और इस कारण उस व्यक्ति को अपनी क्रेडिट रिपोर्ट सही कराने में महीनों का समय लग जाता है और उसका क्रेडिट स्कोर भी खराब हो जाता है। इसी समस्य को देखते हुए आरबीआई ने एक नया नियम निकाला है।
क्या है आरबीआई का नया नियम?
आरबीआई की ओर से कहा गया है कि अगर क्रेडिट इंस्टीट्यूशंस (बैंक और एनबीएफसी) और क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी किसी व्यक्ति की गलत क्रेडिट रिपोर्ट सही करने में देरी करते हैं तो उस व्यक्ति को मुआवजा देने की पूरी प्रक्रिया होनी चाहिए।
आगे कहा गया कि अगर गलत क्रेडिट रिपोर्ट को शिकायत करने के 30 दिनों के अंदर सही नहीं किया जाता है तो शिकायकर्ता को कैलेंडर दिन के हिसाब से 100 रुपये प्रति दिन का मुआवजा दिया जाएगा।
कौन देगा मुआवजा?
जानकारी के मुताबिक अगर क्रेडिट इंस्टीट्यूशन गलत क्रेडिट रिपोर्ट की शिकायत मिलने के 21 कैलेंडर दिनों में उसे सही करके क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी भेजने में असफल रहता है तो ये मुआवजा क्रेडिट इंस्टीट्यूशंस की ओर से शिकायतकर्ता को दिया जाएगा।
क्रेडिट रिपोर्ट पर मिलेगा अलर्ट
आरबीआई की ओर से 26 अक्टूबर को जारी किए गए सर्कुलर में कहा गया कि अगर कोई बैंक या एनबीएफसी किसी व्यक्ति की क्रेडिट रिपोर्ट चेक करती है तो उसे इसकी सूचना एसएमएस और ईमेल के माध्यम से क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी और क्रेडिट इंस्टीट्यूशन द्वारा दी जानी चाहिए।
बता दें, आरबीआई द्वारा नए नियमों का ये सर्कुलर 26 अक्टूबर को जारी किया गया था। यह नियम सर्कुलर जारी होने के छह महीने बाद लागू होंगे।
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