भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा शुक्रवार को मौद्रिक माॅनिटरी की घोषण कर दी गई है। एक बार फिर महंगाई को काबू करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। आइए, 13 प्वाइंट में आरबीआई पाॅलिसी की मुख्य बातें समझने की कोशिश करते हैं।
- प्रमुख नीतिगत दर (Repo rate ) 0.50 प्रतिशत बढ़कर 5.90 प्रतिशत हुई
- Repo rate तीन साल का सबसे ऊंचे स्तर पर आया
- वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आर्थिक वृद्धि का अनुमान घटाकर सात प्रतिशत किया
- अगस्त में इसके 7.2 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई गई थी
- सितंबर तिमाही में जीडीपी के 6.3 फीसदी, दिसंबर और मार्च की तिमाहियों में 4.6 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद।
- महंगाई का अनुमान चालू वित्त वर्ष के लिए 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया
- दिसंबर तक महंगाई छह प्रतिशत से ऊपर रहने का अनुमान
- भारत की कच्चे तेल की खरीद की औसत कीमत 100 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल रहने की उम्मीद
- आरबीआई कीमतों को काबू में रखने को लिए उदार मौद्रिक नीति के रुख को वापस लेने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
- आरबीआई ने कहा कि रुपये की चाल अमेरिकी डॉलर के मुकाबले सही इस साल 28 सितंबर तक सिर्फ 7.4 प्रतिशत की गिरावट हुई
- इस साल 23 सितंबर तक विदेशी मुद्रा भंडार 67 प्रतिशत घटकर 537.5 अरब डॉलर रह गया
- कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में हाल में हुई गिरावट अगर टिकाऊ रही, तो महंगाई से राहत मिल सकती है। बैंक ऋण 16.2 प्रतिशत की तेज गति से बढ़ा है
- मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 5-7 दिसंबर में होगी।
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