भारतीय रिजर्व बैंक ने सरकारी प्रतिभूतियों को उधार देने और उधार लेने को लेकर शुक्रवार को नियमों का मसौदा जारी किया। आरबीआई ने इस महीने की शुरूआत में मौद्रिक नीति की समीक्षा में सरकारी प्रतिभूतियां उधार देने और उधार लेने की व्यवस्था शुरू करने का प्रस्ताव रखा था। माना जा रहा है कि यह प्रणाली निवेशकों को निष्क्रिय प्रतिभूतियों का उपयोग कर पोर्टफोलियो रिटर्न बढ़ाने का एक अवसर देकर उन्हें प्रतिभूति उधारी बाजार में व्यापक भागीदारी की सुविधा प्रदान करेगी।
रिजर्व बैंक के मसौदा निर्देश (सरकारी प्रतिभूति उधारी), 2023 के अनुसार, ‘‘सरकारी प्रतिभूतियों को उधार देने और लेने (जीएसएल) का सौदा कम-से-कम एक दिन और अधिकतम 90 दिनों के लिये होगा।’’ केंद्रीय बैंक ने इस बारे में बैंकों, बाजार प्रतिभागियों और अन्य संबद्ध पक्षों से 17 मार्च, 2023 तक प्रतिक्रिया देने को कहा है।
मसौदा निर्देश के अनुसार केंद्र सरकार की तरफ से जारी प्रतिभूतियां उधार देने और उधार लेने के लिये पात्र होंगी। इसमें ट्रेजरी बिल शामिल नहीं हैं। केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की की तरफ से जारी प्रतिभूतियां (ट्रेजरी बिल समेत) जीएसएल सौदे के तहत गारंटी के लिये पात्र होंगी। सरकारी प्रतिभूतियों में रेपो लेनदेन करने के लिए पात्र संस्था और रिजर्व बैंक की तरफ से अनुमोदित कोई अन्य संस्था प्रतिभूतियों के ऋणदाता के रूप में जीएसएल लेनदेन में भाग लेने के लिए पात्र होगी।
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