RBI ने लोन माफी को लेकर जारी किया अलर्ट! कहीं आप भी जालसाज के जाल में तो नहीं फंसे
RBI ने आम लोगों को फर्जी लोन विज्ञापन को लेकर आगाह किया है। साथ ही ऐसे किसी विज्ञापन से दूर रहने की सलाह लोगों को दी है।
RBI ने लोन माफी को दिए जा रहे फर्जी विज्ञापन को लेकर अलर्ट जारी किया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने जनता को प्रिंट मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोन माफी की पेशकश से संबंधित भ्रामक विज्ञापनों को लेकर सोमवार को आगाह किया। आरबीआई की ओर से जारी बयान के अनुसार, लोन लेने वाले को फर्जी विज्ञापन देकर फंसाने की कोशिश की जा रही है। इसको देखते हुए रिजर्व बैंक ने लोन माफी की पेशकश करके कर्ज लेने वाले को लुभाने वाले कुछ भ्रामक विज्ञापनों पर गौर किया है। ये संस्थाएं प्रिंट मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया मंच पर भी ऐसे कई अभियानों को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही हैं। ऐसी संस्थाओं द्वारा बिना किसी अधिकार के ‘‘ऋण माफी प्रमाणपत्र’’ जारी करने के लिए सेवा/कानूनी शुल्क वसूलने की भी खबरें हैं।
फर्जीवाड़े का खतरा, जुड़ने की कोशिश न करें
आरबीआई ने आम लोगों को आगाह किया कि ऐसी संस्थाओं के साथ जुड़ने से सीधे तौर पर वित्तीय नुकसान हो सकता है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि जनता को आगाह किया जाता है कि वे ऐसे झूठे व भ्रामक अभियानों का शिकार न बनें और ऐसी घटनाओं की शिकायत कानून प्रवर्तन एजेंसियों से करें।
गलत तरीके से लोगों को फंसाने की कोशिश
केंद्रीय बैंक ने कहा कि कुछ स्थानों पर कुछ लोगों द्वारा कर्ज माफी की पेशकश से संबंधित अभियान चलाए जा रहे हैं, जो अपने अधिकारों को लागू करने में बैंकों के प्रयासों को कमजोर करते हैं। आरबीआई ने कहा कि ऐसी संस्थाएं गलतबयानी कर रही हैं कि बैंकों सहित वित्त संस्थानों का बकाया चुकाने की जरूरत नहीं है। ऐसी गतिविधियां वित्त संस्थानों की स्थिरता और सबसे अधिक जमाकर्ताओं के हित को कमजोर करती हैं।
ज्यादातर परिवारों को महंगाई बढ़ने की आशंका
मुद्रास्फीति की संभावनाओं पर सोमवार को जारी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के द्विमासिक सर्वे के अनुसार, देश में परिवारों का एक बड़ा हिस्सा आने वाले तीन महीनों और एक साल में उच्च मुद्रास्फीति की आशंका व्यक्त करता है। 19 प्रमुख शहरों में किए गए सर्वे में कहा गया है कि लोगों को आने वाले वर्ष में कीमतों और मुद्रास्फीति के दबाव में कुछ वृद्धि की आशंका है। अगले तीन महीनों में कीमतों और मुद्रास्फीति के संबंध में आशंका खाद्य उत्पादों और सेवाओं में ज्यादा देखी जा रही है। सर्वे में कहा गया है कि आने वाले वर्ष के लिए, खाद्य उत्पादों और आवास सेक्टर में ये आशंका ज्यादा है। साथ ही सर्वे में कहा गया है कि मौजूदा मुद्रास्फीति पर परिवारों की धारणा पिछले सर्वे से 20 आधार अंक (बीपीएस) घटकर नवंबर में 8.2 प्रतिशत हो गई।