भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वैधानिक और नियामकीय अनुपालन में कुछ खामियों के लिए एक्सिस बैंक और एचडीएफसी बैंक पर कुल 2.91 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। आरबीआई ने मंगलवार को बयान में कहा कि बैंकिंग विनियमन अधिनियम के कुछ प्रावधानों के उल्लंघन और ‘जमा पर ब्याज दर’, ‘अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी)’ तथा ‘कृषि ऋण प्रवाह- गिरवी मुक्त कृषि ऋण’ पर कुछ निर्देशों का पालन न करने के लिए एक्सिस बैंक पर 1.91 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
ग्राहकों पर नहीं होगा कोई असर
एक अन्य बयान में कहा गया कि ‘जमा पर ब्याज दर’, ‘बैंकों के वसूली एजेंटों’ और ‘बैंकों में ग्राहक सेवा’ पर कुछ निर्देशों का पालन न करने के लिए एचडीएफसी बैंक पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। आरबीआई ने यह भी कहा कि ये जुर्माना वैधानिक और विनियामक अनुपालन में कमियों से संबंधित है और इससे बैंकों के अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
बैंक जमा की तुलना में ऋण वृद्धि अधिक
बैंकों की तरफ से दिए जाने वाले ऋण की वृद्धि दर जमा वृद्धि से अधिक होने से बैंकिंग प्रणाली के समक्ष आने वाले समय में नकदी की चुनौतियां पैदा हो सकती हैं। उद्योग मंडल फिक्की और भारतीय बैंक संघ (आईबीए) की एक संयुक्त रिपोर्ट कहती है कि ऋण वृद्धि के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए जमा को बढ़ाना और ऋण लागत को कम रखना बैंकों के एजेंडा में सबसे ऊपर है। रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वेक्षण के मौजूदा दौर में 67 प्रतिशत उत्तरदाता बैंकों ने कुल जमा में चालू खाता और बचत खाता (कासा) जमा की हिस्सेदारी कम होने की बात कही है।
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