भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि उसने अमेजन पे (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड पर 3.06 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना प्रीपेड भुगतान उपकरणों (पीपीआई) और अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) से संबंधित कुछ प्रावधानों का पालन नहीं करने पर लगाया गया। आरबीआई ने एक बयान में कहा, यह पाया गया कि संस्था केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) आवश्यकताओं पर आरबीआई के निर्देशों का पालन नहीं कर रही थी।
कारण बताओ नोटिस जारी किया था
आरबीआई ने अमेजन पे (इंडिया) को एक कारण बताओ नोटिस जारी करके पूछा था कि आखिर निर्देशों का पालन न करने के लिए उस पर जुर्माना क्यों न लगाया जाए। इसके बाद कंपनी के जवाब पर विचार करने के बाद आरबीआई इस नतीजे पर पहुंचा कि उसके निर्देशों का पालन नहीं करने के आरोप सही हैं और ऐसे में उस पर मौद्रिक जुर्माना लगाया गया। केंद्रीय बैंक ने हालांकि कहा कि यह जुर्माना नियामक अनुपालन में कमियों के कारण लगाया गया है और इसका मकसद अमेजन पे (इंडिया) का अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर टिप्पणी करना नहीं है। अमेजन पे ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन की डिजिटल भुगतान शाखा है।
यूपीआई मार्केट में अमेजन की हिस्सेदारी काफी कम
आपको बता दें कि यूपीआई क्रांति के बाद से कई कंपनियां अपनी सेवाएं भारत में दे रही है। हालांकि, अमेजन की इसमें बहुत बड़ी हिस्सेदारी नहीं है। सबसे बड़ी हिस्सेदारी फोनपे की है। फोनपे के पास करीब 49% बाजार हिस्सेदारी है। इसके बाद गूगल पे का नंबर आता है। गूगल पे की 34% बाजार हिस्सेदारी है। इसके बाद 11% हिस्सेदारी पेटीएम और 1.8% शेयर के साथ क्रेड पे की है। व्हाट्सअप, अमेजन पे और बैंकिंग ऐप की हिस्सेदारी करीब 3.5% है।
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