भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नियमित बैंक बनने के लिए शुक्रवार को 1,000 करोड़ रुपये की न्यूनतम नेटवर्थ होने समेत निर्दिष्ट मानदंडों को पूरा करने वाले स्मॉल फाइनेंस बैंकों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। रिजर्व बैंक ने नवंबर, 2014 में प्राइवेट सेक्टर में स्मॉल फाइनेंस बैंकों (SFB) को लाइसेंस देने से संबंधित दिशानिर्देश जारी किए थे। इस समय एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक, इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक और उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक सहित करीब एक दर्जन एसएफबी हैं।
ये हैं शर्तें
केंद्रीय बैंक ने कहा कि नियमित बैंक बनने का लक्ष्य रखने वाले एसएफबी की पिछली तिमाही के अंत में न्यूनतम नेटवर्थ 1,000 करोड़ रुपये होनी चाहिए। इसके अलावा उस बैंक के शेयर किसी मान्यता प्राप्त शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने चाहिए। बीते दो वित्त वर्षों में इस एसएफबी का शुद्ध लाभ भी होना चाहिए और पिछले दो वित्त वर्षों में उसका जीएनपीए (सकल एनपीए) और एनएनपीए (शुद्ध एनपीए) क्रमशः तीन प्रतिशत और एक प्रतिशत से कम या उसके बराबर होना चाहिए।
साल 2019 में तय हुई थी यह प्रोसेस
आरबीआई ने शेयरधारिता के संदर्भ में कहा "पात्र एसएफबी के लिए एक चिह्नित प्रमोटर होने की कोई अनिवार्यता नहीं है। हालांकि, पात्र एसएफबी के मौजूदा प्रमोटर, यदि कोई हैं, नियमित बैंक में तब्दील होने पर प्रमोटर के रूप में बने रहेंगे"। इसके अलावा, संक्रमण अवधि के दौरान पात्र एसएफबी के लिए नए प्रमोटर्स को शामिल करने या उनमें बदलाव की मंजूरी नहीं दी जाएगी। दिसंबर 2019 में आरबीआई ने एसएफबी को नियमित बैंकों में बदलने से संबंधित प्रक्रिया निर्धारित की थी।
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