इन 12% लोगों के ऊपर बज रही है खतरे की घंटी, 2,000 रुपये के नोट को लेकर RBI ने दी बड़ी जानकारी
2,000 Rupee Note: 2000 रुपये के नोट अब बाजार में बेहद कम बचा है। RBI ने एक खास रिपोर्ट जारी की है, जिसे आपको जानना चाहिए।
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Rs 2,000 Note: अब धीरे-धीरे 2,000 रुपये के नोट बदलवाने का समय नजदीक आता जा रहा है। अगर समय रहते नोट बैंक में जमा या बदले नहीं गए तो फिर उन नोटों को अमान्य मान लिया जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि सर्कुलेशन में मौजूद 2,000 रुपये के नोटों में से 88 प्रतिशत से अधिक नोट बैंकों में वापस आ गए हैं। यानि कि अभी भी 12% नोट बाजार में ही मौजूद हैं। रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि बैंकों से मिली सूचनाओं से पता चलता है कि 31 जुलाई तक 2,000 रुपये के कुल 3.14 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोट चलन से वापस आ चुके हैं। आरबीआई ने 19 मई को 2,000 रुपये मूल्य के नोट को चलन से बाहर करने की घोषणा की थी। इसके लिए उपभोक्ताओं को 30 सितंबर तक ये नोट बैंकों में जमा करने या वहां पर बदलने की सुविधा दी गई है। इसी क्रम में 31 जुलाई तक 3.14 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 2,000 रुपये के नोट बैंकों में वापस आ चुके हैं।
अब सिर्फ इतने नोट ही हैं बाजार में मौजूद
अब 2,000 रुपये के सिर्फ 42,000 करोड़ रुपये मूल्य के नोट ही चलन में मौजूद हैं। आरबीआई ने जब इन नोटों को चलन से हटाने की घोषणा की थी, तब 3.56 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोट चलन में मौजूद थे। गत 31 मार्च को इन नोटों का मूल्य 3.62 लाख करोड़ रुपये था। आरबीआई ने कहा कि बैंकिंग प्रणाली में लौटकर आने वाले 2,000 रुपये के नोट में से करीब 87 प्रतिशत नोट बैंकों में जमा के रूप में आए हैं जबकि 13 प्रतिशत नोट अन्य मूल्यों के नोट से बदले गए हैं। केंद्रीय बैंक ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे किसी भी तरह की असुविधा से बचने के लिए अपने पास मौजूद 2,000 रुपये मूल्य के नोट सितंबर तक बैंकों में जाकर जमा कर दें या उन्हें दूसरे नोट से बदल लें।
जनहित याचिका में रिजर्व बैंक पर उठे थे सवाल
याचिकाकर्ता रजनीश भास्कर गुप्ता ने दलील दी थी कि आरबीआई के पास दो हजार रुपये के नोट को चलन से वापस लेने की कोई शक्ति नहीं है और इस संदर्भ में केवल केंद्र सरकार ही फैसला कर सकती है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि आरबीआई के पास किसी भी मूल्य के बैंक नोट को बंद करने का निर्देश देने की कोई स्वतंत्र शक्ति नहीं है। यह शक्ति केवल वर्ष 1934 के आरबीआई अधिनियम की धारा 24 (2) के तहत केंद्र सरकार के पास निहित है। याचिका का आरबीआई ने यह कहते हुए विरोध किया था कि दो हजार रुपये के नोट को चलन से वापस लेना श्मुद्रा प्रबंधन अभियान’ का हिस्सा है और यह आर्थिक योजना से जुड़ा मामला है।
19 मई को रिजर्व बैंक का आया था फैसला
आरबीआई ने 19 मई को दो हजार रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी और कहा था कि मौजूदा नोट को 30 सितंबर तक बैंक खातों में जमा किया जा सकता है या बदला जा सकता है। इससे पहले, उच्च न्यायालय ने वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय की याचिका को खारिज कर दिया था।
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