2,000 रुपये के नोट को लेकर RBI ने दी बड़ी जानकारी, इन 24% लोगों के ऊपर बज रही है खतरे की घंटी
RBI Information: RBI ने 2,000 रुपये के नोट को लेकर बड़ी जानकारी दी है। अब उन 24% लोगों के ऊपर खतरे की घंटी बजने लगी है जो इस लिस्ट में हैं।
2,000 Rupee Note Updates: अब धीरे-धीरे 2,000 रुपये के नोट बदलवाने का समय नजदीक आता जा रहा है। अगर समय रहते नोट बैंक में जमा या बदले नहीं गए तो फिर उन नोटों को अमान्य मान लिया जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को कहा कि सर्कुलेशन में मौजूद 2,000 रुपये के नोटों में से 76 प्रतिशत से अधिक नोट बैंकों में वापस आ गए हैं। यानि कि अभी भी 24% नोट बाजार में ही मौजूद हैं। अगर ये नोट समय पर नहीं बदले गए तो इनके मालिकों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। 19 मई को RBI ने सर्कुलेशन में 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने की घोषणा की और जनता को 30 सितंबर तक इन नोटों को अपने बैंक खातों में जमा करने या उन्हें बदलवाने का समय दिया है। बैंकों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, 19 मई को घोषणा के बाद प्रचलन से वापस प्राप्त 2,000 रुपये के बैंक नोटों का कुल मूल्य 30 जून 2023 तक 2.72 लाख करोड़ रुपये पाया गया।
ये है आंकड़ें
केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि 30 जून को कारोबार की समाप्ति पर 2,000 रुपये के बैंक नोट प्रचलन में 0.84 लाख करोड़ रुपये थे। अब 19 मई 2023 तक प्रचलन में मौजूद 2,000 रुपये के 76 प्रतिशत बैंकनोट वापस आ गए हैं। प्रमुख बैंकों से एकत्र किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि प्रचलन से वापस प्राप्त 2000 रुपये मूल्यवर्ग के कुल बैंक नोटों में से लगभग 87 प्रतिशत जमा के रूप में है और शेष लगभग 13 प्रतिशत को अन्य मूल्यवर्ग के बैंक नोटों में बदल दिया गया है। बता दें कि 2 हजार रुपये के नोट बदलने के रिजर्व बैंक के इस फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में दायर एक याचिका पर आज बड़ा फैसला आया है। दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायाधीश सुब्रमण्यम प्रसाद ने सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दो हजार रुपये के नोट को चलन से वापस लेने के फैसले को चुनौती देने वाली जनहित याचिका खारिज कर दी। इससे पहले, याचिका पर 30 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।
जनहित याचिका में रिजर्व बैंक पर उठे थे सवाल
याचिकाकर्ता रजनीश भास्कर गुप्ता ने दलील दी थी कि आरबीआई के पास दो हजार रुपये के नोट को चलन से वापस लेने की कोई शक्ति नहीं है और इस संदर्भ में केवल केंद्र सरकार ही फैसला कर सकती है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि आरबीआई के पास किसी भी मूल्य के बैंक नोट को बंद करने का निर्देश देने की कोई स्वतंत्र शक्ति नहीं है। यह शक्ति केवल वर्ष 1934 के आरबीआई अधिनियम की धारा 24 (2) के तहत केंद्र सरकार के पास निहित है। याचिका का आरबीआई ने यह कहते हुए विरोध किया था कि दो हजार रुपये के नोट को चलन से वापस लेना श्मुद्रा प्रबंधन अभियान’ का हिस्सा है और यह आर्थिक योजना से जुड़ा मामला है।
19 मई को रिजर्व बैंक का आया था फैसला
आरबीआई ने 19 मई को दो हजार रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी और कहा था कि मौजूदा नोट को 30 सितंबर तक बैंक खातों में जमा किया जा सकता है या बदला जा सकता है। इससे पहले, उच्च न्यायालय ने वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय की याचिका को खारिज कर दिया था।