मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन की बैठक मंगलवार को शुरू हुई। बैठक के नतीजों की घोषणा 10 फरवरी को होगी। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) 2022-23 के आम बजट, मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं और तनावपूर्ण भू-राजनीतिक हालात के बीच अगली मौद्रिक नीति तय करने के लिए विचार-विमर्श कर रही है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय एमपीसी की बैठक पहले बैठक सोमवार को शुरू होनी थी, लेकिन स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए महाराष्ट्र द्वारा सात फरवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने पर इसे एक दिन आगे बढ़ा दिया गया। आमतौर पर यह माना जा रहा है कि एमपीसी प्रमुख नीतिगत या रेपो दर में कोई बदलाव नहीं करेगी।
हालांकि, विशेषज्ञों की राय है कि केंद्रीय बैंक नीतिगत रुख को ‘उदार’ से ‘तटस्थ’ में बदल सकता है और नकदी की स्थिति को सामान्य बनाने के लिए रिवर्स रेपो दर में कुछ बदलाव किया जा सकता है। यदि रिजर्व बैंक बृहस्पतिवार को नीतिगत दर में यथास्थिति बनाए रखता है, तो यह लगातार दसवीं बार होगा, जब दर अपरिवर्तित रहेगी।
केंद्रीय बैंक ने पिछली बार 22 मई, 2020 को ब्याज दरों में कटौती कर नीतिगत दर को संशोधित किया था। ब्रिकवर्क रेटिंग्स के अनुसार, एमपीसी नीतिगत दरों को मौजूदा स्तर पर कायम रख सकती है।
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