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Hindi News पैसा बिज़नेस सरकार ने दिया रेलवे कर्मचारियों को त्योहारी तोहफा, 78 दिन का बोनस देने का ऐलान

सरकार ने दिया रेलवे कर्मचारियों को त्योहारी तोहफा, 78 दिन का बोनस देने का ऐलान

रेलवे कर्मचारियों के लिए सरकार ने बोनस का एलान किया है। इसके साथ ही ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के लिए 22,000 करोड़ रुपये का एकमुश्त मदद देने का फैसला केंद्रीय कैबिनेट ने लिया है।

Railway employees Bonus - India TV Paisa Image Source : PTI Railway employees Bonus

Diwali Bonus: सरकार ने रेलवे कर्मचारियों को 78 दिन का बोनस देने का ऐलान किया है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए यह जानकारी दी। इस फैसले से रेलवे के करीब 11.27 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा। उनहोंने इसके साथ ही पेट्रोलियम कंपनियों को हो रहे घाटे की भरपाई के लिए 22,000 करोड़ रुपये का एकमुश्त मदद देने का फैसला केंद्रीय कैबिनेट ने लिया है। गौरतलब है कि लंबे समय से पेट्रोल-डीजल समेत एलपीजी सिलेंडर के दाम में बढ़ोतरी नहीं की गई है। इससे पेट्रोलियम कंपनियों को भारी नुकसान हो रहा है। इसी नुकसान को भरपाई के लिए यह राशि दी जाएगी। दी गई जानकारी के मुताबिक, रेलवे कर्मचारियों को 78 दिन के बोनस के तहत अधिकतम 17,951 रुपये का भुगतान किया जाएगा। इसके तहत ट्रैक मेंटेनर, ड्राइवर और गार्ड, स्टेशन मास्टर, सुपरवाइजर, टेक्निशियन, टेक्निशियन हेल्पर, कंट्रोलर, पॉइंट्समैन, मिनिस्टीरियल स्टाफ और अन्य ग्रुप 'सी' स्टाफ को बोनस दिया जाएगा। रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों के बोनेस देने से रेलवे पर 1832.09 करोड़ रुपये का बोझ आएगा। कोविड-19 के बाद की चुनौतियों के कारण प्रतिकूल वित्तीय स्थिति के बावजूद बोनस भुगतान का निर्णय लिया गया है।

एलपीजी घाटे की भरपाई के लिए 22,000 करोड़ 

केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों को रसोई गैस एलपीजी के घाटे की भरपाई के लिए 22,000 करोड़ रुपये का एकमुश्त अनुदान देगी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस अनुदान को मंजूरी दी है। यह अनुदान इन कंपनियों द्वारा पिछले दो साल के दौरान रसोई गैस की रूप में इस्तेमाल होने वाली एलपीजी को लागत से कम मूल्य पर बेचने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए दिया जाएगा। ठाकुर ने कहा कि पिछले दो साल से घरेलू रसोई गैस को लागत से कम मूल्य पर बेचा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक बैठक में तीन पेट्रोलियम विपणन कंपनियों - इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) को एकमुश्त अनुदान देने की मंजूरी दी। अनुदान जून, 2020 से जून, 2022 तक उपभोक्ताओं को लागत से कम मूल्य पर एलपीजी बिक्री पर हुए नुकसान की भरपाई के लिए होगा। तीनों कंपनियां उपभोक्ताओं को सरकार द्वारा नियंत्रित कीमतों पर घरेलू एलपीजी बेचती हैं। जून, 2020 से जून, 2022 के बीच रसोई गैस की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में लगभग 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 

उपभोक्ताओं पर लागत वृद्धि का पूरा भार नहीं डाला गया

एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि उपभोक्ताओं को अंतरराष्ट्रीय एलपीजी कीमतों में उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए उनपर लागत वृद्धि का पूरा भार नहीं डाला गया। बयान में कहा गया कि इस दौरान घरेलू एलपीजी की कीमतों में केवल 72 प्रतिशत की वृद्धि हुई और ऐसे में इन तीनों कंपनियों को उल्लेखनीय नुकसान हुआ। बयान में आगे कहा गया, ‘‘इस घाटे के बावजूद, सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनियों ने देश में रसोई ईंधन की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित की है। इसलिए सरकार ने इस नुकसान की भरपाई के लिए तीन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को एकमुश्त अनुदान देने का निर्णय लिया है।’’ सरकार ने कहा कि इस फैसले से पेट्रोलियम क्षेत्र की पीएसयू को आत्मनिर्भर भारत अभियान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखने में मदद मिलेगी और बिना किसी बाधा के घरेलू एलपीजी आपूर्ति सुनिश्चित होगी। 

ये भी फैसले कैबिनेट ने लिए

मंत्रिमंडल ने गुजरात में दीनदयाल बंदरगाह पर 4,539.84 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से कंटेनर टर्मिनल के विकास के लिए मंजूरी दी है। इसके साथ ही कैबिनेट ने बहु-राज्य सहकारी समिति कानून में संशोधन को मंजूरी दी, इससे यह कानून अधिक पारदर्शी बनेगा।

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