UPI ने ट्रांजेक्शन के पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। सिर्फ अप्रैल महीने में यूपीआई के जरिये 5.58 अरब ट्रांजैक्शन हुए, जिसकी राशि 9.83 खरब रुपये थी। यह एक नया रिकॉर्ड है। आसान और सरल होने से आम लोगों के बीच यूपीआई के जरिये लेनदेन तेजी से बढ़ा है। हालांकि, इसी को देखते हुए अब ऑनलाइन फ्रॉड एक्विट हो गए हैं। वे लोगों के साथ फ्रॉड करने के लिए QR Code का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसा इसलिए कि यूपीआई से आमतौर पर क्यूआर कोड के जरिये हम सभी भुगतान करते हैं। वो इसका फायदा उठाकर अब फर्जीवाड़ा को अंजाम दे रहे हैं और लोगों का खाता खाली कर रहे हैं। आइए, जानते हैं कि कैसे क्यूआर कोड का इस्तेमाल कर फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया जा रहा है।
इस तरह ठग आपको बना लेते हैं शिकार
इस साल की शुरुआत में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बेटी ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार हो गई थी। सीएम केजरीवाल की बेटी एक पुराने सोफे को ऑनलाइन बेच रही थीं। इस क्रम में वह ठगी का शिकार हो गई थी। दरअसल ठग ने सीएम की बेटी को एक बार कोड स्कैन करने के लिए कहा। इस बार को स्कैन करते ही उनके अकाउंट से एक बार में 20 हजार रुपये उसके बाद 14 हजार रुपये डेबिट हो गए। इस तरह की घटना तेजी से बढ़ी है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के जालसाजी बहुत सारे लोगों के साथ किया जा रहा है। इसलिए कभी भी पैसा प्राप्त करने के लिए क्यूआर कोड को स्कैन नहीं करें। ऐसे क्यूआर कोड्स को स्कैन करने के बाद जालसाज आपके खाते से पैसे निकालने के लिए अधिकृत हो जाते हैं।
न करें ये गलतियां
रिमोट एक्सेस न दें: कोई भी ऐप डाउनलोड करें तो उसे रिमोट एक्सेस कभी भी न दें। इसका इस्तेमाल फ्रॉड यूपीआई के जरिए ठगी में कर सकते हैं।
फिशिंग लिंक को क्लिक न करें: कभी भी किसी द्वारा भेजे गए लिंक या एमएमएस को क्लिक न करें। लिंक पर क्लिक करते ही यह आपके यूपीआई भुगतान ऐप पर पहुंच जाता है और आपके खाते से रकम ऑटो डेबिट हो जाता है।
ओटीपी और पिन साझा नहीं करें: आरबीआई द्वारा यह बार-बार चेतावनी दी जाती है कि ग्राहकों को अपना यूपीआई पिन या ओटीपी किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिए। इसके बावजूद कुछ जालसाज ग्राहकों को अपने फोन पर आए ओटीपी को शेयर करने के लिए मनाने में कामयाब हो जाते हैं। यह गलती आप कभी भी न करें।
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