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Real Estate: आठ बड़े शहरों में प्रॉपर्टी के दाम हुए रॉकेट, सितंबर तिमाही में सबसे कम यहां बढ़ी

कीमतों में सालाना आधार पर सबसे अधिक 57 प्रतिशत की बढ़ोतरी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के आवासीय बाजार में देखी गई। इसमें कहा गया है कि बढ़ती निर्माण लागत के कारण आवासीय इकाइयों के मूल बिक्री कीमत में एडजस्टमेंट जरूरी हो गया है।

लग्जरी मकानों के लिए अच्छी मांग और निवेशकों के बीच बढ़ते विश्वास के कारण आवास के दाम बढ़ रहे हैं।- India TV Paisa Image Source : FILE लग्जरी मकानों के लिए अच्छी मांग और निवेशकों के बीच बढ़ते विश्वास के कारण आवास के दाम बढ़ रहे हैं।

देश के आठ बड़े शहरों (हैदराबाद को छोड़कर) में सितंबर में खत्म हुई दूसरी तिमाही के दौरान प्रॉपर्टी की कीमतों में जोरदार बढ़ोतरी हुई है। रियल एस्टेट प्रौद्योगिकी मंच आरईए इंडिया की सब्सिडियरी प्रॉपटाइगर डॉट कॉम की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में ज्यादातर शहरों के आवासीय बाजार में प्रॉपर्टी की कीमत डबल डिजिट में बढ़ी है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, रियल इनसाइट रेजिडेंशियल: जुलाई-सितंबर 2024’ शीर्षक से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि कीमतों में यह बढ़ोतरी, खासकर लग्जरी मकानों की बढ़ती मांग के चलते हुई है।

कीमतों पर और दबाव बढ़ रहा

खबर के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति की पिछली बैठक में लगातार 10वीं बार रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया गया और इसे 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा गया। इससे कीमतों पर और दबाव बढ़ रहा है। इससे कंपनियों के साथ-साथ खरीदार भी कर्ज पर तुलनात्मक रूप से ज्यादा ब्याज का भुगतान कर रहे हैं, इससे आखिर में घरों के दाम पर असर पड़ रहा है।

रिपोर्ट के मुताबिक, कीमतों में सालाना आधार पर सबसे अधिक 57 प्रतिशत की बढ़ोतरी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के आवासीय बाजार में देखी गई। इसमें कहा गया है कि बढ़ती निर्माण लागत के कारण आवासीय इकाइयों के मूल बिक्री कीमत में एडजस्टमेंट जरूरी हो गया है।

अहमदाबाद, मुंबई और बेंगलुरु में 21% तक बढ़ोतरी

इसके साथ लग्जरी मकानों के लिए अच्छी मांग और निवेशकों के बीच बढ़ते विश्वास के कारण आवास के दाम बढ़ रहे हैं। इसके अलावा, अहमदाबाद, मुंबई और बेंगलुरु में भी आवासीय इकाइयों की कीमतों में 15-21 प्रतिशत की अच्छी वृद्धि हुई। चेन्नई और कोलकाता में सालाना आधार पर 22 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि देखी गई।

रिपोर्ट के अनुसार, अक्सर मुंबई की तुलना में किफायती विकल्प माने जाने वाले पुणे में भी 18 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र के लिए प्रसिद्ध हैदराबाद में सबसे कम सात प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।

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