नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चालू वित्त वर्ष में 400 अरब डॉलर का उत्पाद निर्यात लक्ष्य हासिल करने में भारत को मिली कामयाबी की तारीफ करते हुए बुधवार को कहा कि देश को 'आत्मनिर्भर भारत' बनाने में यह एक अहम पड़ाव है। भारत ने निर्धारित समय से नौ दिन पहले ही 400 अरब डॉलर का उत्पाद निर्यात लक्ष्य हासिल कर लिया है। यह पहला मौका है जब भारत ने 400 अरब डॉलर का उत्पाद निर्यात किया है। चालू वित्त वर्ष में भारत का निर्यात 37 प्रतिशत बढ़कर 400 अरब डॉलर पर पहुंच चुका है। वित्त वर्ष 2020-21 में यह 292 अरब डॉलर रहा था। निर्यात के मामले में भारत का पिछला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2018-19 में 330.07 अरब डॉलर का रहा था।
उपलब्धि के लिए किसानों-निर्यातकों को बढ़ाई
प्रधानमंत्री ने अपने एक ट्वीट में कहा कि भारत ने 400 अरब डॉलर के उत्पाद निर्यात का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा था और पहली बार इस मुकाम को हासिल कर लिया है। उन्होंने इस सफलता पर किसानों, कारीगरों, एमएसएमई, विनिर्माताओं, निर्यातकों को बधाई देते हुए कहा, आत्मनिर्भर भारत के अपने सफर में यह एक अहम पड़ाव है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कुछ ग्राफिक्स भी साझा किए हैं जिनमें भारत को अब तक का सर्वाधिक निर्यात लक्ष्य हासिल करने का उल्लेख है। इन ग्राफिक्स के मुताबिक सरकार राज्यों एवं जिलों के साथ करीबी संपर्क में है और निर्यातकों से जुड़े मुद्दों के त्वरित समाधान के लिए भी उनसे जुड़ी हुई है। इसके मुताबिक निर्यात संवर्द्धन परिषदों, उद्योग संगठनों और अन्य हितधारकों के साथ सक्रिय संपर्क ने देश को यह लक्ष्य हासिल करने में काफी मदद की है।
हर महीने औसतन 33 अरब डॉलर का निर्यात
भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में औसतन 33 अरब डॉलर के उत्पाद हर महीने निर्यात किए। इस तरह हर दिन एक अरब डॉलर से अधिक मूल्य के उत्पादों का निर्यात औसतन किया गया। निर्यात वृद्धि में खास तौर पर पेट्रोलियम उत्पादों, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, इंजीनियरिंग उत्पाद, चमड़ा, कॉफी, प्लास्टिक, रेडीमेड परिधान, मांस एवं दुग्ध उत्पाद, समुद्री उत्पाद और तंबाकू की अहम भूमिका रही है। भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फिओ) के महानिदेशक अजय सहाय ने इसे देश के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि बताते हुए कहा कि निर्यातकों ने तमाम लॉजिस्टिक चुनौतियों के बावजूद एक साल में ही निर्यात में 110 अरब डॉलर की वृद्धि कर ली है। उन्होंने कहा कि इस सिलसिले को कायम रखना और उसे आगे बढ़ाना अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कुछ देशों के साथ हुए मुक्त व्यापार समझौतों और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं का भी साथ मिलेगा।
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